घटना मणिपुर के उखरुल ज़िले के थोवई कुकी में शुक्रवार तड़के हुई. पुलिस ने कहा कि इस ज़िले ने राज्य के मेईतेई और कुकी-ज़ोमी समुदायों के बीच चल रही झड़पों में हिंसा नहीं देखी है. यह घटना राज्य में लगभग दो सप्ताह की अपेक्षाकृत शांति के बाद हुई है.
मणिपुर के 10 कुकी-ज़ोमी विधायकों, जिनमें भाजपा के आठ विधायक भी शामिल हैं, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया है कि इंफाल कुकी-ज़ोमी लोगों के लिए मौत और विनाश की घाटी बन गया है. विधायकों ने यह भी कहा है कि वे ‘व्यवस्थित जातीय सफाये’ के शिकार हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से समुदाय के उचित पुनर्वास के लिए 500 करोड़ रुपये मंज़ूर करने की अपील की है.
मणिपुर सरकार ने सभी कर्मचारियों को ‘अलगाववादी, राष्ट्र-विरोधी, सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने वाले’ सोशल मीडिया समूहों से बाहर निकलने का एक साल पुराना आदेश फिर से जारी किया है. चेतावनी दी गई है कि हिंसाग्रस्त राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश करने वाली किसी भी चीज़ से जुड़े पाए जाने पर उनके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
एक रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि नौ और मामलों की जांच के साथ सीबीआई द्वारा जांच किए जा रहे मामलों की कुल संख्या 17 हो जाएगी. महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध या यौन उत्पीड़न से संबंधित किसी अन्य मामले को भी प्राथमिकता के आधार पर एजेंसी को भेजा जा सकता है.
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की आलोचना करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि अगर देश में कहीं हिंसा हो रही है तो प्रधानमंत्री को दो घंटे मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए. उन्होंने जोड़ा कि मणिपुर में जो हो रहा है, सेना उसे दो दिन में रोक सकती है, लेकिन प्रधानमंत्री मणिपुर की आग को बुझाना नहीं चाहते.
वीडियो: 31 जुलाई की रात इंफाल पश्चिम के ज़ोमी विला में आग लगने से 17 घर तबाह हो गए. पुलिस का दावा है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी, लेकिन रहवासी इस बात से सहमत नहीं है. आग कुकी समुदाय के लोगों के घरों से शुरू हुई थी, जो बाद में उन घरों तक फैल गई जहां बिहार से आने वाले प्रवासी रहते हैं.
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मणिपुर में तीन महीने से जारी हिंसा के बीच मणिपुर सरकार और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सदस्य कुकी पीपुल्स अलायंस ने घोषणा की है कि वह एन. बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले रही है. मणिपुर सरकार में पार्टी के दो विधायक शामिल हैं.
बिष्णुपुर ज़िले के कांगवई और फौगाकचाओ इलाके में गुरुवार को हुई झड़प के बाद सेना और आरएएफ जवानों ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें 19 लोग घायल हो गए. वहीं, ज़िले के नारानसैना में भीड़ ने भारतीय रिज़र्व बटालियन शिविर पर हमला करने के बाद बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद लूट लिया.
राज्यसभा में टीएमसी सांसद डोला सेन द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि मणिपुर में तीन महीने से चल रहे जातीय संघर्ष के चलते कुल 14,763 स्कूल जाने वाले बच्चे विस्थापित हो गए हैं. उन्होंने दावा किया कि ऐसे 93% विद्यार्थियों को उनके पास के स्कूल में मुफ्त में प्रवेश दिया गया है.
मणिपुर में पिछले तीन महीने से जारी जातीय हिंसा के दौरान 4 मई को कुकी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र घुमाने के साथ इनमें से एक से सामूहिक बलात्कार किया गया था. इनमें से एक महिला के 65 वर्षीय पति, जो करगिल युद्ध का हिस्सा थे, ने कहा कि कार्रवाई वीडियो से बहुत पहले की जानी चाहिए थी, लेकिन हमारी बात पर किसी ने भी विश्वास नहीं किया.
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में जातीय हिंसा से निपटने के लिए क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों और सरकार के तौर-तरीकों पर कड़ा रुख़ अपनाते हुए पुलिस जांच को ‘सुस्त’ बताया. कोर्ट ने मणिपुर के पुलिस महानिदेशक को 4 अगस्त को अदालत में पेश होने के लिए कहा है.
बीते सप्ताह द वायर के रिपोर्टर याक़ूत अली मणिपुर के बिष्णुपुर ज़िले पहुंचे थे, जहां रात को स्थानीय मेईतेई लोगों से बातचीत के दौरान फायरिंग में एक गोली उनके पास से गुज़र गई.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ मणिपुर में जातीय हिंसा फैलने के संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कुकी जनजाति की दो महिलाओं की याचिका भी शामिल थी, जिन्हें पुरुषों की भीड़ ने नग्न करके घुमाया था. पीठ ने सरकार से पूछा कि घटना 4 मई की थी और ज़ीरो एफ़आईआर 18 मई को दर्ज हुई. पुलिस को इसे दर्ज करने में 14 दिन क्यों लगे?
एक कार्यक्रम के दौरान मणिपुर हिंसा को लेकर भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख सेवानिवृत्त जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि इसमें विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता को ख़ारिज नहीं किया जा सकता है, बल्कि मैं कहूंगा कि यह निश्चित रूप से है. विभिन्न उग्रवादी समूहों को कथित तौर पर चीन की ओर सहायता कई वर्षों से जारी है.