नगा राष्ट्रीय राजनीतिक समूहों की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि इंतज़ार की घड़ियां समाप्त हुईं और केंद्र ऐसा समाधान निकालने के लिए आवश्यक क़दम उठा रहा है, जो सभी को स्वीकार्य हो.
केंद्र और एनएससीएन-आईएम के बीच नगा शांति वार्ता की प्रक्रिया को लेकर चल रही तनातनी के बीच नगालैंड के मुख्य विपक्षी दल नगा पीपुल्स फ्रंट ने इस मसले पर गठित विधायकों के फोरम से ख़ुद को अलग करते हुए कहा कि मुद्दे के समाधान के लिए मौजूदा सरकार की अनिच्छा की वजह से इसमें कोई प्रगति नहीं हो सकी.
केंद्र सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल सबसे बड़े नगा संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-इसाक मुईवाह ने 2015 में सरकार के साथ हुए फ्रेमवर्क एग्रीमेंट की प्रति सार्वजनिक करते हुए कहा कि वार्ताकार आरएन रवि नगा राजनीतिक मसले को संवैधानिक क़ानून-व्यवस्था की समस्या का रंग दे रहे हैं.
नगालैंड के राज्यपाल और शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे आरएन रवि ने स्वतंत्रता दिवस पर दिए अपने संदेश में प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में पूरा देश आगे बढ़ रहा है लेकिन 'निजी हितों' की वजह से नगालैंड पीछे छूट गया है.
पिछले महीने नगालैंड के राज्यपाल आरएन रवि ने मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो को पत्र लिखकर कहा था कि राज्य में क़ानून व्यवस्था एकदम बिगड़ चुकी है और इसमें उन्हें हस्तक्षेप करना पड़ेगा. इस संबंध में राज्य सरकार ने एक विस्तृत बयान जारी कर कहा है कि नगालैंड में स्थिति सामान्य और शांतिपूर्ण बनी हुई है.
नगालैंड के संसदीय मामलों के मंत्री एन. क्रोनू ने बताया कि क्षेत्र में स्वाइन फ्लू के प्रकोप के बाद राज्य ने पहले ही सूअरों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था और अब मंत्रिमंडल ने इनके वाणिज्यिक आयात और व्यापार पर प्रतिबंध लगाने का भी निर्णय लिया है.
अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिज़ोरम के बाद मणिपुर चौथा राज्य है, जहां पर आईएलपी को लागू किया गया है. नगालैंड के दीमापुर में अब तक इनर लाइन परमिट की व्यवस्था नहीं थी. इस व्यवस्था का मक़सद मूल आबादी के हितों की रक्षा के लिए अन्य भारतीय नागरिकों की बसाहट को रोकना है.