नूंह में हुई हिंसा के बाद राज्य के कई क्षेत्रों में फैले सांप्रदायिक तनाव के बीच हरियाणा की लगभग 30 खापों, संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं, कई किसान संघों और विभिन्न धर्मों के लोगों ने हिसार में महापंचायत में हिस्सा लिया, जहां शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की गई.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने नूंह हिंसा के बाद हिंसा प्रभावित क्षेत्र में चल रही ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर स्वतः संज्ञान लेते हुए रोक लगा दी है. कोर्ट ने यह भी कहा कि क़ानून व्यवस्था की समस्या का इस्तेमाल बिना ज़रूरी क़ानूनी प्रक्रिया का पालन किए समुदाय विशेष से जुड़ी इमारतें गिराने के लिए किया जा रहा है.
हरियाणा के नूंह में बीते 31 जुलाई को भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर सोशल मीडिया और कुछ समाचार वेबसाइट पर ऐसे दावे किए जा रहे थे कि नलहर महादेव मंदिर में फंसी महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था, पुलिस ने इन दावों को बेबुनियाद बताया है.
हरियाणा के नूंह में इस हफ्ते हुई हिंसा के बाद शुक्रवार को ज़िला प्रशासन द्वारा मकान और संपत्तियां तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई है. एक तरफ कुछ अधिकारी तोड़फोड़ का हिंसा से कोई लेना-देना न होने की बात कह रहे हैं, तो दूसरी ओर कुछ अधिकारियों का दावा है कि कुछ संपत्तियों के मालिक हिंसा में शामिल थे.
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नूंह में सोमवार को हुई सांप्रदायिक झड़पों के बाद राज्य के गृहमंत्री अनिल विज ने दावा किया था कि नलहर महादेव मंदिर में मुस्लिम दंगाइयों ने लगभग तीन-चार हज़ार लोगों को 'बंधक बना लिया' था. मंदिर के पुजारी ने द वायर को बताया कि ऐसा नहीं हुआ था. लोग बाहर माहौल तनावग्रस्त होने के चलते वहां फंसे हुए थे.
जननायक जनता पार्टी के नेता और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आरोप लगाया है कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने प्रशासन को इस बात का सटीक विवरण नहीं दिया कि कितने लोग शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन को सही ढंग से सूचित किया गया होता, तो सांप्रदायिक हिंसा से बचा जा सकता था.