केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने एनडीपीएस एक्ट में संशोधन का सुझाव दिया है, ताकि उन लोगों का इलाज किया जा सके जो ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं या पीड़ितों के रूप में ड्रग्स पर निर्भर हैं. सिफ़ारिश में कहा गया है कि ऐसे लोगों को जेल की सज़ा नहीं नशामुक्ति और पुनर्वास केंद्र भेजा जाना चाहिए.
शीर्ष न्यायालय ने अफ़ीम की बरामदगी संबंधी एक याचिका पर सुनवाई करने के दौरान कहा कि मादक पदार्थ निरोधक क़ानून के तहत दिए गए स्पष्टीकरण के अनुसार कोई निजी वाहन 'सार्वजनिक स्थल' की परिभाषा के तहत नहीं आता है.