'बात भारत की' की पहली कड़ी में मणिपुर में शुरू हुई हिंसा के सालभर पूरे होने, पीएम मोदी के भाषणों में बढ़ते बेबुनियाद दावों और निर्वाचन आयोग द्वारा ओढ़ी गई चुप्पी पर वरिष्ठ पत्रकारों- निधीश त्यागी और संगीता बरुआ पिशारोती के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
नरेंद्र मोदी के मन में कांग्रेस को लेकर ऐसा भय समा गया है कि वे अपनी बात कहने की बजाय सिर्फ़ कांग्रेस और उनके नेताओं के ख़िलाफ़ भाषण देते हैं. वे कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को लेकर गहरे सदमे में हैं. राहुल गांधी उनका दु:स्वप्न बन गए हैं.
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक जारी करते हुए मोदी राज में प्रेस की स्वतंत्रता को संकट में बताया. साथ ही, भारत में पत्रकारों के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा और मीडिया उद्योग के कुछ लोगों के हाथों में सिमटते जाने को लेकर चिंता जताई.
राजभवन में काम करने वाली एक महिला संविदा कर्मचारी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. वहीं, राज्यपाल ने गुरुवार रात एक आदेश जारी कर पुलिस और राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के राजभवन में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है.
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री सत्ता पर पूरी तरह नियंत्रण चाहते हैं. उनके तमाम कदम इसी दिशा में जाते दिखाई देते हैं. क्या भारतीय संविधान उन्हें इसकी अनुमति देता है? संविधान निर्माता प्रधानमंत्री को किस तरह की शक्तियां सौंपना चाहते थे?
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रचार अभियान में पार्टी के स्टार प्रचारक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्लिमों पर निशाना साध रहे है और कांग्रेस के घोषणा पत्र का नाम लेते हुए भ्रामक और फ़र्ज़ी दावे कर रहे हैं. क्या उनके चुनावी भाषणों का स्तर और नीचे गिरेगा, इस बारे में चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कहा कि कथित रिश्वतखोरी और मतदाताओं पर अनुचित प्रभाव डालने के आरोप में भाजपा उम्मीदवार के. सुधाकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और 4.8 करोड़ रुपये की नकदी भी जब्त की गई. सुधाकर चिक्कबल्लापुरा से वर्तमान भाजपा उम्मीदवार हैं, जहां शुक्रवार मतदान हुआ है.
वीडियो: पिछले दस बरस देश की विभिन्न संस्थाओं के लिए भी महत्वपूर्ण रहे हैं. नरेंद्र मोदी के पिछले दस सालों के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश किस राह पर चले, संविधान के अभिभावक संवैधानिकता की कितनी रक्षा कर पाए, इस बारे में क़ानूनी मामलों पर लिखने वाले पत्रकार सौरव दास से बात कर रहे हैं द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज.
नरेंद्र मोदी द्वारा राजस्थान में दिए गए नफ़रती भाषण की व्यापक आलोचना के बाद निर्वाचन आयोग ने दो लगभग समान पत्र 25 अप्रैल को भाजपा और कांग्रेस के अध्यक्षों- जेपी नड्डा और मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष को मिला पत्र भाजपा द्वारा राहुल गांधी के ख़िलाफ़ दर्ज शिकायत पर आधारित है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत उनके दल के नेताओं की हेट स्पीच पर चुनाव आयोग की ख़ामोशी से अंदाज़ मिलता है कि भाजपा नेताओं को माहौल सांप्रदायिक बनाने के लिए उसने पूरी छूट दी है.
वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बंसवाड़ा, राजस्थान में बांसवाड़ा में हुई एक चुनावी रैली में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के एक कथित बयान का हवाला देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में वापस आई तो संसाधनों पर पहला हक़ मुस्लिमों का ही होगा. लेकिन क्या मनमोहन सिंह ने सच में ऐसा कहा था?
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राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिमों पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर विपक्षी गठबंधन सत्ता में आया तो जनता की मेहनत की कमाई को 'घुसपैठियों' और 'ज़्यादा बच्चे पैदा करने वालों' को दे दिया जाएगा.
चुनाव आयोग ने शिवसेना (यूबीटी) के अभियान गीत से 'जय भवानी जय शिवाजी’ और ‘हिंदू हा तुझा धर्म’ शब्द हटाने के लिए नोटिस दिया है. पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पहले आयोग को पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान ‘बजरंग बली की जय’ और अयोध्या में रामलला के दर्शन के नाम पर वोट मांगा था.
कांग्रेस का घोषणा पत्र सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे मुस्लिम लीग से जोड़ा था. क्या यह बेतुकी तुलना भाजपा की उस ग्रंथि को दर्शाती है जब आज़ादी से पहले जिन्ना की अगुआई वाली इसी लीग के साथ मिलकर उसके ‘विचारधारात्मक पुरखों’ ने गुल खिलाए थे!