सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले मंगलवार को सीडीएस का पद बनाए जाने को मंजूरी दी थी जो तीनों सेनाओं से जुड़े सभी मामलों में रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेगा. सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
योजना का प्रथम चरण 11 अक्टूबर, 2014 को शुरू किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर ग्राम पंचायतों में पाइप से पेयजल की परियोजना पूरी नहीं की गई. करीब 30 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में ठेकेदारों ने यह परियोजना ग्राम पंचायत अधिकारियों के हवाले नहीं की.
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर जैसे मुद्दों पर विचारपूर्ण और सकारात्मक बहस जरूरी है और प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. लोकतंत्र में सहमति, असहमति बुनियादी सिद्धांत है. दोनों पक्षों को सुना जाना चाहिए.
सीएए और एनआरसी को लेकर हो रहे राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन और व्यापक स्तर पर संविधान की बुनियाद पर हमले को लेकर बनी समझ भारतीय राजनीति को एक महत्वपूर्ण बिंदु पर ले आए हैं. इस पृष्ठभूमि में क्षेत्रीय और उप-राष्ट्रीय अस्मिताओं की बढ़ती मुखरता नई राजनीति के लिए एक मज़बूत ज़मीन तैयार कर रही है. तमाम संसाधनों और हिंदू वोट बैंक के बावजूद मोदी और शाह इसे हल्के में नहीं ले सकते.
रमाबाई मध्यप्रदेश के दमोह जिले के पथरिया सीट से बसपा विधायक हैं. रमाबाई ने अपनी पथरिया विधानसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के एक कार्यक्रम में संशोधित नागरिकता कानून का समर्थन किया था. समर्थन करने पर पटेल ने उनकी तारीफ भी की थी.
एक साक्षात्कार में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि एनपीआर आंकड़ों का इस्तेमाल कभी भी एनआरसी के लिए नहीं किया जा सकता है. यहां तक कि कानून भी अलग-अलग हैं…मैं सभी लोगों, खासकर अल्पसंख्यकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनपीआर का इस्तेमाल एनआरसी के लिए नहीं किया जाएगा. यह एक अफवाह है.
‘रेप कैपिटल’ और ‘रेप इन इंडिया’ जैसे जुमले न भी बोले जाएं, तब भी महिला सुरक्षा को लेकर होने वाली बदनामी से देश का बचना तब तक मुमकिन नहीं है, जब तक सरकार आलोचकों से ज़बानी जंग करने के बजाय औरतों के ख़िलाफ़ अपराध रोकने के लिए गंभीर नहीं होती.
वीडियो: केंद्र सरकार ने बीते दिनों नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी एनपीआर अपडेट करने और जनगणना 2021 की शुरुआत करने को मंज़ूरी दे दी है. इसके बाद ही बहस शुरू हो गया कि यह देशभर में एनआरसी लाने का पहला क़दम है, जिसका विरोध हो रहा है. इस बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं सुप्रीम कोर्ट के वकील शादान फरासत.
अमेरिकी कांग्रेस की एक स्वतंत्र शोध इकाई कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार देश की नागरिकता संबंधी प्रक्रिया में धार्मिक पैमाने को जोड़ा गया है. संघीय सरकार की एनआरसी की योजना को संशोधित नागरिकता कानून के साथ लाने से भारत के लगभग 20 करोड़ मुस्लिम अल्पसंख्यकों का दर्जा प्रभावित हो सकता है.
अरुंधति रॉय ने 25 दिसंबर को दिल्ली यूनिवर्सिटी में एनपीआर को लेकर कहा था कि यह भी एनआरसी का ही हिस्सा है. जब सरकारी मुलाज़िम एनपीआर के लिए जानकारी मांगने आपके घर आएं तो उन्हें अपना नाम रंगा-बिल्ला बता दें और अपने घर का पता देने के बजाय प्रधानमंत्री आवास का पता लिखवा दें.
जिस नागरिकता क़ानून को गांधी जी और भारतीयों ने आज से 113 साल पहले विदेशी धरती पर नहीं माना, उस औपनिवेशिक सोच से निकले सीएए और एनआरसी को हम आज़ाद भारत में कैसे स्वीकार कर सकते हैं?
एक तरफ सरकार जहां इस बात से इनकार कर रही है कि एनपीआर और एनआरसी में कोई संबंध है, वहीं अपने पहले कार्यकाल में नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद में कम से कम नौ बार बताया था कि एनआरसी को एनपीआर आंकड़ों के आधार पर पूरा किया जाएगा.
यह हक़ की लड़ाई है. एक तरफ नफ़रत है और एक तरफ हम. मैं यक़ीन दिलाना चाहता हूं कि हम सही हैं. नफ़रती पूरी कोशिश कर रहे हैं पर हमने भी गांधी जी का दामन थाम रखा है. मैं ये भी यक़ीन दिलाता हूं कि हम जीतेंगे क्योंकि इसके अलावा कोई चारा नहीं है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन, विभिन्न संवर्गों के विलय, दिवाला कानून, शस्त्र संशोधन विधेयक, बंगाल पूर्वी सीमांत नियामक, भारत-बांग्लादेश के बीच युवा मामलों में सहयोग के लिए अध्यादेश को भी मंज़ूरी दी.
अगर नागरिकता संशोधन क़ानून दूसरे देशों के मुसलमानों के साथ भेदभाव करता है, तो एनआरसी भारत के मौजूदा नागरिकों के प्रति शत्रुतापूर्ण है, जिसके कारण यह कहीं ज़्यादा ख़तरनाक है.