क्या प्रधानमंत्री यह कह सकते हैं कि वो गोडसे की विचारधारा से सहमति नहीं रखते?

क्या हम एक राष्ट्र के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह उम्मीद कर सकते हैं कि वो गोडसे के विचारों की निंदा करेंगे. क्या मोदी और भाजपा यह कह सकेंगे कि वो गोडसे की विचारधारा से सहमति नहीं रखते.

गोडसे वाले बयान के लिए भाजपा प्रज्ञा ठाकुर को निष्कासित करने पर विचार करे: नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘यह बेहद निंदनीय है. हम ऐसी चीजों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. बापू राष्ट्रपिता हैं और लोग पसंद नहीं करेंगे अगर कोई इस तरह से गोडसे के बारे में बात करता है.’

मोदी ने केदारनाथ की जिस गुफा में ध्यान लगाया, वो सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है

यहां पर बिजली, पीने के पानी की सुविधा और एक वॉशरूम भी है. गुफा का बाहरी हिस्सा पत्थरों से बना है और इसमें लकड़ी का दरवाजा है. गुफा में रहने वाले पर्यटक को दिन में दो बार नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का खाना और चाय भी दिया जाता है.

तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की शिकायत, कहा- मोदी की केदारनाथ यात्रा आचार संहिता का उल्लंघन है

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, नरेंद्र मोदी की केदारनाथ यात्रा को पिछले दो दिनों के दौरान लगातार कवर किया जा रहा है और इसका बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय और स्थानीय मीडिया में प्रसारण किया जा रहा है. यह आदर्श आचार संहिता का गंभीर उल्लंघन है.

लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर मतदान शुरू

लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण के मतदान में मतदाता उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट से चुनाव लड़ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 918 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे.

क्या बनारस में बुनकरों के लिए प्रधानमंत्री मोदी का अच्छे दिन लाने का वादा जुमला साबित हुआ?

ग्राउंड रिपोर्ट: नरेंद्र मोदी ने बनारस में बुनकरों से जुड़े कई वादे किए थे लेकिन पांच साल बाद स्थानीय बुनकर अच्छे दिनों के नारे और वादे के बीच ख़ुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रधानमंत्री का दिखना ही अब प्रेस कॉन्फ्रेंस कहलाएगा

मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की. यह तथ्य है. यह भी एक तथ्य है कि मोदी से पूछने वाला प्रेस ही नहीं है. होता तो उसे प्रेस कॉन्फ्रेंस की ज़रूरत नहीं होती. वह अपनी ख़बरों से मोदी को जवाब के लिए मजबूर कर देता.

मोदी जी! वे दिन हवा हो चुके जब ख़लील ख़ां फ़ाख़्ते उड़ाया करते थे

गनीमत है कि अपनी स्वनामधन्य विशेषज्ञता को मतदाताओं को फांसने के जाल की तरह इस्तेमाल करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरस्ट्राइक पर जा रहे पायलटों को राम का नाम लेने, कोई मंत्र बुदबुदाने या हनुमान चालीसा पढ़ने का सुझाव नहीं दिया.

पांच साल में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए मोदी, लेकिन किसी सवाल का जवाब नहीं दिया

जब एक पत्रकार ने सीधे प्रधानमंत्री से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ‘हम तो डिसिप्लिन्ड सोल्जर हैं. पार्टी अध्यक्ष हमारे लिए सब कुछ होते हैं.’ शाह ने भी कहा कि प्रधानमंत्री को सवालों का जवाब देने की ज़रूरत नहीं है.

गोडसे को लेकर प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर मोदी ने कहा, मैं उन्हें मन से कभी माफ़ नहीं कर पाऊंगा

मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था कि नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, देशभक्त हैं और रहेंगे. उन्हें आतंकी बोलने वाले लोग ख़ुद के गिरेबां में झांककर देखें, अबकी बार चुनाव में ऐसे लोगों को जवाब दे दिया जाएगा.

1 148 149 150 151 152 255