विशेष रिपोर्ट: नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री और अमित शाह के भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद अमित शाह के बेटे जय शाह के व्यवसाय में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी दर्ज की गई.
कांग्रेस ने कहा, भारत की जीएसटी दर दुनिया में सबसे ऊंची, ‘एक देश, एक कर’ का जो सपना था वह आज ‘एक देश, सात कर’ बन गया है.
मोदी की पहचान एक ‘संवाद में माहिर’ नेता की है, लेकिन कुर्सी पर बैठने के बाद से अब तक उन्होंने एक भी प्रेस कांफ्रेंस नहीं की है. किसी लोकतंत्र के प्रधानमंत्री द्वारा प्रेस कांफ्रेंस करना मीडिया पर किया जाने वाला एहसान नहीं है, बल्कि सरकार की ज़िम्मेदारी है.
जन गण मन की बात की 131वीं कड़ी में विनोद दुआ, नरेंद्र मोदी का विकल्प न होने और सुप्रीम कोर्ट द्वारा मौत की सज़ा को लेकर सरकार से जवाब मांगने पर चर्चा कर रहे हैं.
अमित शाह, स्मृति ईरानी और योगी के दौरे के पहले अमेठी पहुंचे राहुल, भाजपा ने बताया दरकती राजनीतिक ज़मीन बचाने की कवायद.
बसपा सुप्रीमो ने कहा भाजपा सरकार ने दूरदर्शन और आकाशवाणी को बना दिया 'मोदी वॉयस', निजी मीडिया पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण, लेखकों और पत्रकारों को बनाया जा रहा निशाना.
जन गण मन की बात की 130वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था पर प्रधानमंत्री के भाषण और पत्रकारों के ख़िलाफ़ हिंसा पर चर्चा कर रहे हैं.
छात्रा ने थाने में मामला दर्ज कराया. आरोपी छात्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
गुजरात दंगों में षड्यंत्र के आरोप में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष जांच दल द्वारा ‘क्लीनचिट’ देने के फैसले को ज़ाकिया ने गुजरात हाईकोर्ट में दी थी चुनौती.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का दावा, इससे सरकारी खज़ाने को 23,821 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.
जन गण मन की बात की 129वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था को लेकर दिए गए अरुण शौरी के बयान और ताजमहल पर चर्चा कर रहे हैं.
यशवंत सिन्हा के बाद मोदी सरकार पर अरुण शौरी का हमला, बोले ढाई लोग मिलकर चला रहे सरकार, विशेषज्ञों की बात नहीं सुनते.
जन गण मन की बात की 128वीं कड़ी में विनोद दुआ भारत में बढ़ती बेरोज़गारी और आधार पर चर्चा कर रहे हैं.
बाद में अभिनेता ने कहा, ‘मैं मूर्ख नहीं हूं कि ख़ुद को मिले राष्ट्रीय पुरस्कार लौटा दूं. यह मुझे मेरे काम की वजह से मिला है और मुझे इस पर गर्व है.’
डूबती अर्थव्यवस्था को लेकर कई भाजपा नेता लगातार वित्त मंत्री पर हमला कर रहे हैं, लेकिन जिन आर्थिक फैसलों से यह स्थिति आई है, उन्हें लेने में प्रधानमंत्री की भूमिका पर एक चुप्पी छाई हुई है.