गुजरात दंगों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आठ दंगा प्रभावित ज़िलों में ज़किया जाफरी को छोड़कर 159 लोगों को प्राप्त सुरक्षा वापस लेने का निर्णय लिया है. इनमें नरोदा पाटिया नरसंहार केस में माया कोडनानी और बाबू बजरंगी को सज़ा सुनाने वालीं रिटायर्ड जज ज्योत्सना याज्ञनिक भी शामिल हैं.
28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के नरोदा गाम में सांप्रदायिक दंगे के दौरान 11 लोगों की हत्या हुई थी. इस मामले के 86 आरोपियों में से बीते दिनों गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी समेत 67 लोगों को बरी कर दिया गया.
गुजरात में अहमदाबाद के नरोदा गाम में 28 फरवरी 2002 को सांप्रदायिक दंगे के दौरान 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी. गुरुवार को इस मामले में आए अदालती फैसले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया था. आरोपियों में गुजरात सरकार की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी भी शामिल थे.
बीते दो अगस्त को एसआईटी ने माया कोडनानी के पक्ष में दिए गए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान की विश्ववसनीयता पर सवाल उठाया था. 2002 में नरोदा गाम में हुए दंगों के दौरान मुस्लिम समुदाय के 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी.