2016 में मोदी सरकार ने नोटबंदी की घोषणा के समय दावा किया था कि इसका एक उद्देश्य जाली मुद्रा पर अंकुश लगाना है. हालांकि जाली करेंसी आज भी चुनौती बनी हुई है. वित्त मंत्रालय ने हाल ही में बताया है कि बीते पांच सालों में 500 रुपये के नकली नोटों में 317% की वृद्धि हुई है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2021 में 13,089 छात्रों की आत्महत्या से मौत हुई थी, जबकि 2011 में यह संख्या 7,696 थी. 2011 के बाद से भारत में छात्रों द्वारा आत्महत्याओं की संख्या हर साल बढ़ी है.
केंद्र सरकार ने 2016 में 1,000 और 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. इस फैसले का एक प्रमुख उद्देश्य जाली नोटों की समस्या को ख़त्म करना था. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2016 से 2021 के बीच 245.33 करोड़ के मूल्य के जाली नोट जब्त किए हैं. सबसे अधिक 92.17 करोड़ रुपये के जाली नोट 2020 में जब्त किए गए थे.