राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में शामिल ‘किसी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार’ का नाम बदलकर ‘निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म’ और ‘राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार’ का नाम बदलकर ‘राष्ट्रीय, सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म’ कर दिया गया है.
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69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में विवेक अग्निहोत्री की विवादास्पद फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को राष्ट्रीय एकता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का नरगिस दत्त पुरस्कार देने की जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आलोचना की है. वर्ष 2021 के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में ‘आरआरआर’ ने छह और ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ ने पांच पुरस्कार अपने नाम किए है.
एयर डेक्कन के संस्थापक कैप्टन जीआर गोपीनाथ के जीवन से प्रेरित तमिल भाषा की फिल्म ‘सूरारई पोटरु’ के लिए अपर्णा बालमुरली को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. शालिनी उषा नायर और निर्देशक सुधा कोंगारा को सर्वश्रेष्ठ पटकथा का पुरस्कार मिला, जबकि सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन का पुरस्कार जीवी प्रकाश कुमार ने अपने नाम किया. सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय मनोरंजक फिल्म के अलावा ओम राउत की फिल्म ‘तान्हाजी’ के लिए नचिकेत बर्वे और महेश शेरला ने सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर का
असम की फिल्मकार रजनी बसुमतारी ने नाख़ुशी ज़ाहिर करते हुए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समिति के अध्यक्ष एन. चंद्रा को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार द्वारा छोटे सांस्कृतिक समुदायों, उनकी भाषा संस्कृति को सहेजने के वादों के बीच किसी बोडो फिल्म का ऐसी फिल्म की ही श्रेणी में न चुना जाना निर्णायक मंडल के सदस्यों की विफलता है.
67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के लिए निर्देशक प्रियदर्शन की मलयालम फिल्म 'मरक्कर: अरबिकाडालिन्ते सिंहम' को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म, संजय पूरन सिंह चौहान को हिंदी फिल्म 'बहत्तर हूरें' के लिए सर्वोत्तम निर्देशक का पुरस्कार दिया गया है. सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म 'छिछोरे' को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म के तौर पर चुना गया.
66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में तेलुगु फिल्म ‘महानती’ में गुज़रे ज़माने की सुपरस्टार सावित्री का किरदार निभाने वाली कीर्ति सुरेश ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता.
प्रख्यात बंगाली लेखक रामपद चौधरी फेफड़े और वृद्धावस्था से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे थे. उनकी रचना ‘बाड़ी बोदले जाए’ के लिए 1988 में उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
कलाकारों का कहना है कि राष्ट्रपति द्वारा अवॉर्ड देने की 65 साल से चली आ रही परंपरा को तोड़ा जा रहा है. वहीं राष्ट्रपति भवन ने स्पष्टीकरण दिया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सभी पुरस्कार कार्यक्रमों में अधिकतम एक घंटे रुकते हैं, इसलिए वे केवल 11 लोगों को ही पुरस्कार देंगे.
साल 2015 में बढ़ती असहिष्णुता और एफटीआईआई अध्यक्ष के रूप में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के विरोध में राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने वाले 24 निर्देशकों में से कुंदन शाह भी एक थे.
बाद में अभिनेता ने कहा, ‘मैं मूर्ख नहीं हूं कि ख़ुद को मिले राष्ट्रीय पुरस्कार लौटा दूं. यह मुझे मेरे काम की वजह से मिला है और मुझे इस पर गर्व है.’