राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आंकड़े बताते हैं कि पिछले पांच साल में पुलिस हिरासत में सबसे ज़्यादा मौत के मामले में मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर है. अगस्त 2023 में सरकार ने बताया था कि 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2023 तक ऐसी मौतों के मामले में गुजरात पहले और महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर था.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पिछले महीने जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में एक ही घटना में 13 लोगों की हत्या का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस घटना को ‘ख़तरनाक और परेशान करने वाला’ बताया है. बीते 4 दिसंबर को म्यांमार सीमा के क़रीब मणिपुर के तेंगनौपाल ज़िले में भीषण गोलीबारी के बाद कम से कम 13 लोगों के शव मिले थे.
बीते 4 दिसंबर को तेंगनौपाल जिले में गोलीबारी में कम से कम 13 लोगों की मौत हुई थी. अब मणिपुर सरकार को नोटिस जारी करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से दो सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
पूर्वोत्तर राज्यों के मामलों की सुनवाई करने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष जस्टिस अरुण कुमार ने कहा कि मणिपुर हिंसा में एक विशेष तारीख तक 180 लोग मारे गए थे, लेकिन 93 लोगों को ही 10 लाख रुपये का मुआवज़ा मिला है. चार सप्ताह के भीतर सरकार सभी को मुआवज़ा जारी करे.
एक रिपोर्ट बताती है कि गुजरात के विभिन्न हिस्सों में बीते एक महीने के भीतर ही सीवर की सफाई के दौरान कम से कम आठ कर्मचारियों की मौत हो गई है. ऐसा तब हो रहा है जब इस प्रथा को पूरे देश में अवैध घोषित कर दिया गया है.