केंद्र सरकार के आरटीआई पोर्टल से कई वर्षों की जानकारी ग़ायब

सूचना का अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि आरटीआई पोर्टल से वर्षों का डेटा गायब हो गया है. पिछले साल केंद्र सरकार ने ‘भारी लोड’ का हवाला देते हुए पोर्टल पर एकाउंट बनाने की सुविधा हटा दी थी. इसके अलावा अगर मौजूदा एकाउंट होल्डर अपने एकाउंट को बरक़रार रखना चाहते हैं तो उन्हें छह महीने की अवधि में कम से कम एक आवेदन दाख़िल करना होगा.

आज़ादी का अमृत महोत्सव: सुप्रीम कोर्ट के ईमेल में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर पर विवाद

अगले साल स्वतंत्रतता के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ नाम के कार्यक्रम का केंद्र सरकार देशभर में प्रचार कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री की ओर से महोत्सव को लेकर वकीलों को भेजे गए ईमेल के निचले हिस्से में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगी थी. इस पर एक वकील की ओर से कहा गया था कि यह तस्वीर स्वतंत्र निकाय के रूप में सुप्रीम कोर्ट की स्थिति और सरकार का हिस्सा न होने

सरकार द्वारा प्राइवेसी के मसले पर रद्द किए गए बल्क डेटा सौदे से जुड़ी हुई थी विदेशी कंपनी

वाहन रजिस्ट्रेशन संबंधी डेटा को लेकर भारत सरकार के साथ अनुबंध करने वाली फास्ट लेन ऑटोमोटिव ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को सूचित किए बिना जर्मनी की एक कंपनी मैनसर्व के साथ एक सब-कॉन्ट्रैक्ट किया, जिसमें 'संवेदनशील जानकारी' साझा करने की बात कही गई थी.

क़ीमत और प्राइवेसी पर विचार किए बिना सरकार ने चुपचाप निजी कंपनी को बेचा वाहन संबंधी डेटा

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निजता संबंधी चिंताओं व विभिन्न अधिकारियों की आपत्तियों को नज़रअंदाज़ करते हुए देश के कई करोड़ नागरिकों का वाहन रजिस्ट्रेशन संबंधी डेटा ऑटो-टेक सॉल्यूशंस कंपनी फास्ट लेन को बेहद कम क़ीमत पर बेचा गया, जिसके आधार पर कंपनी ने ख़ूब कमाई की.