National Judicial Data Grid

सुप्रीम कोर्ट में 69,000 से अधिक व उच्च न्यायालयों में क़रीब 60 लाख मामले लंबित

क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में बताया कि एक फरवरी, 2023 को राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार देश भर के उच्च न्यायालयों में 59,87,477 मामले लंबित हैं. इनमें से 10.30 लाख मामले इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लंबित हैं. सिक्किम हाईकोर्ट में सबसे कम 171 मामले हैं.

ज़िला और निचली अदालतों में 20 साल से अधिक समय से क़रीब 6.72 लाख मामले लंबित: किरेन रिजिजू

क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में बताया कि देशभर की विभिन्न अदालतों में चार लाख से अधिक ऐसे मामले है, जो 25 वर्षों से भी अधिक समय से लंबित हैं. राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के अनुसार उच्च न्यायालय और ज़िला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में 25 वर्षों से अधिक समय से लंबित वादों की संख्या क्रमशः 1,24,810 और 2,76,208 है.

वकीलों की कमी के चलते निचली अदालतों में 63 लाख मामले लंबित: राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड

राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के आंकड़े बताते हैं कि देश की निचली अदालतों में लंबित चार करोड़ से अधिक मामलों में से लगभग 63 लाख मामले इस लिए लंबित हैं क्योंकि वकील ही उपलब्ध नहीं हैं. उत्तर प्रदेश में इस कारण सबसे अधिक मामले लंबित हैं.

वकीलों की अनुपलब्धता के कारण 63 लाख मामलों में देरी हुई: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

एक कार्यक्रम के दौरान प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जेल नहीं बल्कि ज़मानत आपराधिक न्याय प्रणाली के सबसे मौलिक नियमों में से एक है. फिर भी व्यवहार में भारत में जेलों में बंद विचाराधीन क़ैदियों की संख्या एक विरोधाभासी तथा स्वतंत्रता से वंचित करने की स्थिति को दर्शाती है.

New Delhi: A view of the Supreme Court of India in New Delhi, Monday, Nov 12, 2018. (PTI Photo/ Manvender Vashist) (PTI11_12_2018_000066B)

‘अदालती कार्यवाही लाइव-स्ट्रीम हो, ताकि लोगों को पता चले कि क्यों इतने मामले लंबित पड़े हैं’

साल 2018 के एक मामले की सुनवाई के दौरान जब वकील ने स्थगन की मांग की तो सर्वोच्च न्यायालय ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि इसी वजह से अदालत बदनाम होती हैं. वकील तारीख़ पर तारीख़ मांगते हैं और हम पर केस का बोझ बढ़ता जाता है. न्यायालयों में इसलिए मामले लंबित पड़े हैं, क्योंकि मामले में दलीलें नहीं पेश की जाती हैं.

New Delhi: A view of the Supreme Court of India in New Delhi, Monday, Nov 12, 2018. (PTI Photo/ Manvender Vashist) (PTI11_12_2018_000066B)

क़रीब 57.51 लाख लंबित मामलों में 54 प्रतिशत पांच उच्च न्यायालयों में: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश के 25 उच्च न्यायालयों में 57.51 लाख से अधिक लंबित मामलों में 54 प्रतिशत मामले पांच उच्च न्यायालयों- इलाहाबाद, पंजाब एवं हरियाणा, मद्रास, बॉम्बे और राजस्थान में हैं. राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के डेटा के अनुसार, 56.4 प्रतिशत लंबित मामले पिछले पांच वर्षों के दौरान मामले दायर किए गए हैं, जबकि 40 प्रतिशत लंबित मामले 5 से 20 साल पहले दर्ज किए गए थे.

कोरोना महामारी के बीच भारत के न्यायालयों में लंबित मामलों में अत्यधिक वृद्धि

नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड के आंकड़ों के मुताबिक, 31 दिसंबर 2019 से 31 दिसंबर 2020 के बीच सुप्रीम कोर्ट में 10.35 फ़ीसदी, 25 हाईकोर्ट में 20.4 फ़ीसदी और जिला न्यायालयों में 18.2 फ़ीसदी लंबित मामले बढ़े हैं.

हाईकोर्ट और ज़िला अदालतों में 37 लाख मामले 10 साल से भी ज़्यादा समय से लंबित: एनजेडीजी डेटा

नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड के आंकड़ों के मुताबिक देश भर की विभिन्न अदालतों में 6.60 लाख मामले 20 साल से ज़्यादा समय और 1.31 लाख मामले तीन दशकों यानी कि 30 साल से भी ज़्यादा समय से लंबित हैं.