अमेज़ॉन पर हमला और राष्ट्रीय मौद्रिकरण पर चुप्पी संघ परिवार के अंतर्विरोध को उजागर करती है

अगर महज़ दो फीसदी बाज़ार हिस्सेदारी वाले अमेज़ॉन को ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0 कहा जा सकता है, तो फिर केंद्र सरकार को क्या कहा जाए जो एक तरफ सरकारी एकाधिकार रहे जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन और लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन की बिक्री के लिए विदेशी पूंजी को दावत दे रही है, दूसरी तरफ ऊर्जा और रेलवे जैसे रणनीतिक क्षेत्र में थोक भाव से निजीकरण को बढ़ावा दे रही है?

हमने 70 साल में भारत को बनाया, भाजपा अब उसे बेचने में व्यस्त है: कांग्रेस

बीते 23 अगस्त को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना की घोषणा की थी. सरकार मौद्रिकरण के ज़रिये सरकारी स्वामित्व वाली संपत्तियों में अपनी हिस्सेदारी निजी क्षेत्रों को बेचेगी. गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि 2014 में सत्ता में आने से पहले भाजपा पूछती थी कि कांग्रेस ने 70 साल में क्या किया है. इसका जवाब संपत्तियों की वह सूची है, जो वह बेच रही है.

मोदी सरकार को मौद्रिकरण योजना का लाभ कुछ ही कॉरपोरेट समूहों को मिलने की स्थिति से बचना होगा

बैंक फंडों तक पहुंच वाले संभवतः चार या पांच कॉरपोरेट समूह ही हवाई अड्डों, बंदरगाहों, कोयला खदानों, गैस पाइपलाइनों और बिजली उत्पादन परियोजनाओं के दीर्घावधिक लीज़ के लिए बोली लगाएंगे. ऐसे में कहने के लिए भले ही स्वामित्व सरकार के पास रहे, पर ये सार्वजनिक संपत्तियां कुछ चुनिंदा कॉरपोरेट समूहों की झोली में चली जाएंगी, जो पहले ही एक सीमा तक एकाधिकार की स्थिति में हैं.

देश की संपत्ति क्यों बेच रही है मोदी सरकार?

वीडियो: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना की घोषणा बीते दिनों की गई. योजना के तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर सड़क जैसे अलग-अलग बुनियादी ढांचा क्षेत्रों का मौद्रिकरण शामिल है. यानी सरकार मौद्रिकरण के ज़रिये इन क्षेत्रों में अपनी हिस्सेदारी निजी क्षेत्रों को बेचेगी. इस मुद्दे पर अर्थशास्त्री अरुण कुमार से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

मौद्रिकरण पर राहुल गांधी बोले- बहुमूल्य संपत्तियां उद्योगपति मित्रों को तोहफ़े में दे रहे मोदी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन की घोषणा किए जाने पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि यह सब कुछ कंपनियों का एकाधिकार बनाने के लिए किया जा रहा है. वहीं माकपा ने कहा कि सरकार ने देश ‘बेचने’ की आधिकारिक घोषणा की है.

केंद्र ने छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना की घोषणा की

राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना के तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर सड़क जैसे अलग-अलग बुनियादी ढांचा क्षेत्रों का मौद्रिकरण शामिल है. यानी सरकार मौद्रिकरण के ज़रिये इन क्षेत्रों में अपनी हिस्सेदारी निजी क्षेत्रों को बेचेगी. कोविड लॉकडाउन और उसके बाद की मंदी ने निजीकरण की प्रक्रिया को धीमा कर दिया है, सरकार को अभी भी चालू वित्त वर्ष से मार्च 2022 तक इस तरह की बिक्री से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है.

क्या है नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन, जहां सरकारी संपत्ति निजी कंपनियों को ‘किराये’ पर दी जाएगी

वीडियो: सरकार एक तरफ घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों को बंद कर रही है या निजी कंपनियों के हाथों बेचकर पैसा जुटाने में लगी है, तो दूसरी ओर सरकारी प्रोजेक्ट को निजी कंपनियों के साथ साझा कर रही है या किराये पर देकर आमदनी बढ़ाने की तैयारी कर रही है. सरकार की ‘नेशनल एसेट मोनेटाइजेशन’ योजना के बारे में विस्तार से बता रहे हैं मुकुल सिंह चौहान.

बजट 2021: निजी क्षेत्र के साथ साझा होंगी गैस पाइपलाइन, राजमार्ग जैसी परियोजनाएं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की पुरानी परियोजनाओं के लिए राष्ट्रीय मौद्रिकरण कार्यक्रम शुरू करेगी. इसके तहत गैस पाइपलाइन, राजमार्ग आदि जैसी परियोजनाओं को निजी क्षेत्र के साथ साझा या किराये पर चढ़ाकर पैसे जुटाने का प्रस्ताव है.