असम के बारपेटा ज़िले के रहने वाले और वर्तमान में कोलकाता में तैनात भारतीय सेना के एक सूबेदार को असम में नागरिकता की लड़ाई लड़ना पड़ रहा है.
उत्तर प्रदेश के महराजगंज का एसपी रहते आईपीएस अधिकारी जसवीर सिंह ने वर्तमान मुख्यमंत्री एवं गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को रासुका के तहत गिरफ्तार किया था.
मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम की रासुका के तहत गिरफ़्तारी के विरोध में भी छात्र ने प्रदर्शनों का आयोजन किया था. परिवारवालों ने कहा कि पुलिस ने गिरफ़्तारी का कारण नहीं बताया है.
राज्य के आगर मालवा ज़िले में कथित तौर पर अवैध रूप से गाय ले जाने का मामला. इससे पहले खंडवा ज़िले में गोहत्या के मामले में तीन लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया था.
खंडवा का मामला, पुलिस ने कहा संवेदनशील क्षेत्र होने के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत मामला दर्ज किया. शिवराज सरकार में 2007-16 के बीच गोहत्या के मामले में 22 लोगों को रासुका में गिरफ़्तार किया गया था.
बीते नवंबर में मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार कर एक साल के लिए जेल में डाल दिया गया. उन पर सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की आलोचना करने का आरोप है. किशोरचंद्र की पत्नी रंजीता एलांगबम और उनके वकील श्रीजी भावसार से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुरी पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम के क़ैद की निंदा करते हुए लिखा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बुरी ताकतें हिंसा फैला रही हैं, जबकि राज्य से जवाबदेही लेने वालों को जेल की सज़ा हो रही है.'
मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की आलोचना करने पर रासुका के तहत गिरफ़्तार किए गए पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम के प्रति स्थानीय पत्रकारों के 'पक्षपातपूर्ण' रवैये पर विरोध ज़ाहिर करते हुए मणिपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने परिसर में इम्फाल से निकलने वाले अख़बारों के बहिष्कार की घोषणा की है.
इम्फाल के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को बीते 26 नवंबर को सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना करते वीडियो अपलोड करने और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को कथित तौर पर अपमानजनक शब्द बोलने के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार किया गया था.
इम्फाल के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना करते वीडियो अपलोड करने और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को कथित तौर पर अपमानजनक शब्द बोलने के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार किया गया है
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के शुरुआती 10 महीने में तकरीबन 160 लोग रासुका के तहत गिरफ़्तार किए गए. इनमें शामिल पीड़ित मुस्लिम परिवारों का कहना है कि सांप्रदायिक कारणों से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.
बीते सितंबर महीने में असम की डिब्रूगढ़ पुलिस ने लोगों को हथियार उठाने के लिए उकसाने के आरोप में रासुका के तहत गिरफ्तार किया गया था.
बरेली के मंडलायुक्त ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों को कहा है कि वे तुरंत उन मदरसों की सूची सौंपे जहां राष्ट्रगान नहीं गाया गया.