सूचना का अधिकार क़ानून से पता चला है कि भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में 2018-19 में 5,213 टन, 2019-20 में 1,930 टन और 2020-21 में 1,850 टन अनाज प्राकृतिक आपदाओं और रखरखाव के कारणों से नष्ट हुआ था.
उत्तर प्रदेश और बिहार में 15 मई के बाद से अब तक आकाशीय बिजली गिरने से 315 लोगों की मौत हो चुकी है.
केंद्र ने पिछले साल 28 नवंबर को लोकसभा में इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, 2019 पेश किया था. इसे दिसंबर में स्थायी समिति के पास भेजा गया था. इसी मामले पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को समिति ने रिपोर्ट सौंपी है.
मीडिया बोल की 63वीं कड़ी में उर्मिलेश केरल की बाढ़ विभीषिका की मीडिया कवरेज और अटल बिहारी वाजपेयी पर वरिष्ठ पत्रकार पूर्णिमा जोशी और जनता का रिपोर्टर के संपादक रिफ़त जावेद से चर्चा कर रहे हैं.
विश्व जल दिवस: दीवारें खड़ी करने से समुद्र पीछे हट जाएगा, तटबंद बना देने से बाढ़ रुक जाएगी, बाहर से अनाज मंगवाकर बांट देने से अकाल दूर हो जाएगा. बुरे विचारों की ऐसी बाढ़ से, अच्छे विचारों के ऐसे ही अकाल से, हमारा यह जल संकट बढ़ा है.
प्रकृति विरोधी विकास हमें विनाश की और ले जा रहा है. पहाड़ों को काटने, नदियों को बांधने और जंगलों को मिटाने का मतलब विकास नहीं है, यह ख़ुद को मिटाने की भौतिक तैयारी है. हमारी शिक्षा ने हमें अपने परिवेश और पर्यावरण से बहुत दूर कर दिया है. ये जंगल, पर्वत और झरने हमें अध्यात्म का विषय लगते हैं, पर इससे पहले ये भूगोल का विषय हैं.
भू-स्खलन ख़तरनाक है ही पर यदि बाढ़, भूकंप आदि अन्य आपदाओं को साथ मिलाकर देख जाए तो यह और भी जानलेवा हो जाते हैं, तिस पर अपनी लापरवाहियों से हमने इस संभावना को और बढ़ा दिया तो इसकी बहुत महंगी कीमत चुकानी पड़ेगी.