जातिगत जनगणना तर्कसंगत मांग है, बेहतर नीतियां बनाने में मददगार साबित होगा: एनसीबीसी प्रमुख

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) के अध्यक्ष डॉ. भगवान लाल साहनी ने कहा कि जाति आधारित जनगणना निश्चित तौर पर नीति निर्माताओं को पिछड़े वर्ग के लिए कल्याणकारी नीतियां बनाने में मददगार साबित होगी. अगर ऐसा हुआ तो सरकार के लिए यह जानना आसान होगा किस जाति के कितने लोग हैं और उनके लिए क्या किया जाना चाहिए.

पिछड़ा वर्ग आयोग ने सरकार को लिखा पत्र, जनगणना में ओबीसी की गणना करने की मांग

मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया था. सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी की अध्यक्षता में ओबीसी समुदाय के उप-वर्गीकरण के लिए एक आयोग का गठन किया गया है, ताकि कमजोर वर्गों तक आरक्षण की पहुंच बढ़ाई जा सके.

लोकसभा में उठी ओबीसी मंत्रालय बनाने की मांग

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के प्रावधान वाले विधेयक पर चर्चा के दौरान लोकसभा सदस्यों ने सरकार से मांग की कि ओबीसी समाज के लिए अलग मंत्रालय का गठन हो ताकि उन्हें समुचित अधिकार मिल सकें.

क्या नए पिछड़ा वर्ग आयोग का लक्ष्य आरक्षण नीति में परिवर्तन लाना है?

राष्ट्रीय सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन से क्या होगा यह सिर्फ मोदी जानते हैं. लेकिन यह तय है कि जाति विषमता पर कुछ करना है तो सिर्फ नाम बदलने से काम नहीं चलेगा.