मोतीहारी के आरटीआई कार्यकर्ता बिपिन अग्रवाल की बीते वर्ष सितंबर माह में हत्या कर दी गई थी. पिता की हत्या की जांच में देरी के चलते उनके बेटे ने बीते माह कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. आरटीआई का समर्थन करने वाली एक राष्ट्रीय संस्था ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मामले की जांच किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने की मांग की है.
सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने कहा कि आरटीआई एक्ट असल मायने में लोकतांत्रिक क़ानून है. सरकार सूचना आयुक्तों संबंधी संशोधन ला रही है लेकिन सूचना आयुक्तों से कोई सलाह-मशविरा नहीं किया गया है.
वीडियो: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सूचना का अधिकार क़ानून में संशोधन को लेकर सूचना के जन अधिकार आंदोलन (एनसीपीआरआई) की सदस्य अंजलि भारद्वाज और आरटीआई कार्यकर्ताओं से धीरज मिश्रा की बातचीत.
2009 से 2012 तक केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्त रहे शैलेष गांधी का कहना है कि इस संशोधन के ज़रिये सरकार आरटीआई कानून में अन्य संशोधन करने का रास्ता खोल रही है.
केंद्र सरकार ने इस बात को सार्वजनिक नहीं किया है कि वो आख़िर आरटीआई क़ानून में क्या संशोधन करने जा रही है. संशोधन विधेयक के प्रावधानों को न तो सार्वजनिक किया गया है और न ही आम जनता की राय ली गई है. जानकार इसे लंबे संघर्ष के बाद मिले सूचना के अधिकार पर हमला बता रहे हैं.