दो साल पहले केंद्र सरकार के थिंक टैंक इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स ने साफ तौर पर कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के स्वतंत्र निदेशकों के चयन में राजनीतिक आत्मीयता को वरीयता दी जा रही है, जिसने इस पद के विचार को ही दूषित कर दिया है.
दो साल पहले केंद्र सरकार के थिंक टैंक इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स ने साफ तौर पर कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के स्वतंत्र निदेशकों के चयन में राजनीतिक आत्मीयता को वरीयता दी जा रही है, जिसने इस पद के विचार को ही दूषित कर दिया है.