बीते 13 जुलाई को पांचवीं बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले नेपाली कांग्रेस के 75 वर्षीय प्रमुख शेर बहादुर देउबा ने 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 मत हासिल किए. देउबा ने नेपाल-भारत संबंधों को मज़बूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है.
नेपाल के निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिनिधि सभा को बहाल किए जाने के बाद देश में 12 और 19 नवंबर को होने वाले संसदीय चुनाव टाल दिए. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अनुशंसा पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 22 मई को पांच महीनों में दूसरी बार निचले सदन को भंग कर दिया था और मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की थी.
नेपाल में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को नई सरकार बनाने के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा के कम से कम 136 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होती है. दिलचस्प है कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, दोनों ने ऐसे कुछ सांसदों का समर्थन होने का दावा किया था, जिनके नाम उन दोनों की सूची में शामिल थे.
नेपाली सदन में बीते 10 मई को केपी शर्मा ओली के विश्वास मत हार जाने के बाद राष्ट्रपति ने विपक्षी पार्टियों को नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने को कहा था. हालांकि नेपाली कांग्रेस तथा नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएन-मॉएस्ट सेंटर) का विपक्षी गठबंधन बहुमत हासिल करने में नाकाम रहा, जिसके बाद ओली के एक बार फिर नेपाल का प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया था.
साल 2015 में नेपाल के कैलाली में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प में नौ लोगों की भीड़ ने हत्या कर दी थी. इस मामले में कैलाली से सांसद रेशम चौधरी मुख्य आरोपी थे.
नेपाल के प्रमुख समाचार पत्र कांतिपुर डेली ने सिलसिलेवार आलेखों के ज़रिये कहा था कि पाराजुली ने विभिन्न आधिकारिक दस्तावेज़ों पर जन्म की पांच अलग-अलग तारीख़ें दी हैं.
नेपाल में हुए ऐतिहासिक संसदीय और स्थानीय चुनावों में पार्टी की बुरी हार के करीब दो महीने बाद शेर बहादुर देउबा ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया.
फर्स्ट पास्ट द पोस्ट (एफपीटीपी) प्रणाली के तहत मतगणना समाप्त. सीपीएन-यूएमएल 80 सीटें जीतकर बनी सबसे बड़ी पार्टी.