नेपाल: चुनाव आयोग ने प्रस्तावित चुनाव टाले, शेर बहादुर देउबा पांचवीं बार प्रधानमंत्री बने

नेपाल के निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिनिधि सभा को बहाल किए जाने के बाद देश में 12 और 19 नवंबर को होने वाले संसदीय चुनाव टाल दिए. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अनुशंसा पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 22 मई को पांच महीनों में दूसरी बार निचले सदन को भंग कर दिया था और मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की थी.

//
नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा. (फोटो: रॉयटर्स)

नेपाल के निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिनिधि सभा को बहाल किए जाने के बाद देश में 12 और 19 नवंबर को होने वाले संसदीय चुनाव टाल दिए. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अनुशंसा पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 22 मई को पांच महीनों में दूसरी बार निचले सदन को भंग कर दिया था और मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की थी.

नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा. (फोटो: रॉयटर्स)

काठमांडू: नेपाल के निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिनिधि सभा को बहाल किए जाने के बाद देश में 12 और 19 नवंबर को होने वाले संसदीय चुनाव मंगलवार को टाल दिए.

शीर्ष अदालत ने सोमवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के 21 मई के प्रतिनिधि सभा को भंग करने के फैसले को पलट दिया था और विपक्षी नेता शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश दिया था.

निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता राजकुमार श्रेष्ठ ने कहा कि प्रतिनिधि सभा के भंग होने के बाद नवंबर में होने वाले चुनाव फिलहाल नहीं होंगे क्योंकि संसद को बहाल कर दिया गया है.

ओली की अनुशंसा पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 22 मई को पांच महीनों में दूसरी बार निचले सदन को भंग कर दिया था और 12 नवंबर और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की थी. इस कदम के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में 30 याचिकाएं दायर की गई थीं.

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को प्रधानमंत्री ओली के 21 मई के संसद की प्रतिनिधि सभा को भंग करने के फैसले को रद्द कर दिया और देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश दिया.

प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि प्रधानमंत्री के पद पर ओली का दावा असंवैधानिक है.

‘माई रिपब्लिका’ समाचार वेबसाइट ने श्रेष्ठ को उद्धृत करते हुए कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद, चुनाव की तैयारियों की दिशा में आगे बढ़ने की कोई आवश्यकता नहीं है. आयोग एक बैठक आयोजित करेगा और तैयारियों को स्थगित कर देगा.’

खबर में कहा गया कि, निर्वाचन आयोग के मुताबिक यद्यपि उसे उच्चतम न्यायालय के फैसले की लिखित सूचना प्राप्त नहीं हुई है लेकिन उसने सोमवार की सूचना के आधार पर प्रक्रिया टाल दी है.

श्रेष्ठ ने कहा कि आयोग ने चुनाव के लिए कुछ तैयारियां की थीं लेकिन इस पर ज्यादा पैसा खर्च नहीं किया गया था.

पीठ ने मंगलवार तक देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने और प्रतिनिधि सभा का नया सत्र 18 जुलाई की शाम पांच बजे बुलाने का भी आदेश दिया है.

शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-यूएमएल के नेता माधव कुमार नेपाल ने कहा कि फैसला सराहनीय है.

उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने सराहनीय काम किया है. इसने मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था को बचाया है. क्योंकि अदालत ने सीधे देउबा को नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने को कहा है. ऐसे में हमारे लिए कोई भूमिका नहीं बचती.’

माधव नेपाल के नेतृत्व में यूएमएल के 23 सांसदों ने प्रधानमंत्री पद के लिए देउबा के दावे के पक्ष में हस्ताक्षर किये थे. माधव नेपाल ने यह भी कहा कि संसद अब सभी फैसले करेगी.

उन्होंने कहा, ‘संसद बहाल हो गई है. अब हम संसद जाएंगे. अब सभी फैसले संसद द्वारा किए जाएंगे. अदालत के फैसले ने ओली के कृत्यों को लेकर नैतिक सवाल भी खड़े किए हैं.’

इसी बीच, सत्ताधारी सीपीएन-यूएमएल से जुड़़े युवाओं और छात्रों समेत प्रधानमंत्री ओली के समर्थकों ने 69 वर्षीय कम्युनिस्ट नेता के खिलाफ आए शीर्ष अदालत के फैसले के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन किया.

सीपीएन-यूएमएल से संबद्ध नेशनल यूथ फोर्स के कार्यकर्ताओं ने न्यायालय परिसर के निकट मैतीघर मंडल पर एकत्र होकर फैसले के खिलाफ नारेबाजी की.

प्रदर्शनकारियों ने एक बैनर ले रखा था जिस पर लिखा था, ‘हम उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए सभी आदेशों को स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं हैं, सावधान.’ मीडिया में आई खबरों के मुताबिक ओली के विश्वस्त और पूर्व मंत्री महेश बसनेत भी प्रदर्शन में मौजूद थे.

नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन द्वारा दायर याचिका समेत करीब 30 याचिकाएं राष्ट्रपति द्वारा सदन को भंग किए जाने के खिलाफ दायर की गई थीं.

विपक्षी दलों के गठबंधन की तरफ से भी एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर 146 सांसदों के हस्ताक्षर थे और इसमें संसद के निचले सदन को फिर से बहाल करने तथा देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त किये जाने की मांग की गई थी.

नेपाल पिछले साल 20 दिसंबर को तब सियासी संकट में घिर गया था, जब सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) में वर्चस्व को लेकर मची खींचतान के बीच प्रधानमंत्री ओली की अनुशंसा पर राष्ट्रपति भंडारी ने संसद के निचले संसद भंग  को कर दिया था और 30 अप्रैल तथा 10 मई को नए चुनाव कराने की घोषणा की थी.

लेकिन बाद में फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने 23 फरवरी को प्रधानमंत्री ओली को झटका देते हुए भंग की गई प्रतिनिधि सभा को बहाल करने के आदेश दिए थे.

सदन में विश्वास मत हारने के बाद ओली फिलहाल अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे थे. उन्होंने प्रतिनिधि सभा को भंग करने के अपने कदम का बार-बार बचाव करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के कुछ नेता समानांतर सरकार बनाने का प्रयास कर रहे थे.

शेर बहादुर देउबा पांचवीं बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने

नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा मंगलवार को पांचवीं बार देश के प्रधानमंत्री बने. मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई.

‘द हिमालयन टाइम्स’ की खबर के मुताबिक, राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संविधान के अनुच्छेद 76(5) के तहत उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया. यह पांचवीं बार है जब देउबा (74) ने नेपाल के प्रधानमंत्री के तौर पर सत्ता में वापसी की है.

उनकी नियुक्ति उच्चतम न्यायालय द्वारा सोमवार को दिए गए फैसले के अनुरूप है. जिसने के पी शर्मा ओली को हटाते हुए प्रधानमंत्री पद के लिए उनके दावे पर मुहर लगाई थी.

खबर में कहा गया कि राष्ट्रपति कार्यालय ने देउबा को उनकी नियुक्ति के बारे में सूचित किया। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि शपथ ग्रहण कब होगा क्योंकि इसके लिये तैयारियां चल रही हैं.

इससे पूर्व देउबा चार बार- पहली बार सितंबर 1995- मार्च 1997, दूसरी बार जुलाई 2001- अक्टूबर 2002, तीसरी बार जून 2004- फरवरी 2005 और चौथी बार जून 2017- फरवरी 2018 तक- प्रधानमंत्री रह चुके हैं.

संवैधानिक प्रावधान के तहत प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्ति के बाद देउबा को 30 दिनों के अंदर सदन में विश्वास मत हासिल करना होगा.

लघु मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं नेपाली कांग्रेस प्रमुख देउबा: रिपोर्ट

नेपाल में विपक्ष के नेता शेर बहादुर देउबा मंगलवार को देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद एक लघु मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं.

नेपाली कांग्रेस (एनसी) के कम से कम दो वरिष्ठ नेताओं ने ‘द काठमांडू पोस्ट’ समाचार पत्र को बताया कि देउबा (74) जब मंगलवार को शपथ ग्रहण करेंगे, उस समय करीब सात सदस्यों वाले लघु मंत्रिमंडल का गठन किया जा सकता है.

एनसी के मुख्य सचेतक बाल कृष्ण खांड ने कहा, ‘हमने शुरुआत में लघु मंत्रिमंडल बनाने का फैसला किया है. हम एक गठबंधन सरकार बनाना चाहते हैं और हमने गठबंधन के अन्य साझेदारों से देउबा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने को कहा है.’

एनसी के एक नेता के अनुसार, कांग्रेस के दो सदस्यों और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) के भी इतने ही या सिर्फ एक सदस्य को मंत्री नियुक्त किए जाने की संभावना है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि सीपीएन-यूएमएल (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल- यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट) के माधव कुमार नेपाल धड़े ने विपक्षी गठबंधन से नाता तोड़ने का फैसला किया है, ऐसे में देउबा को विश्वास मत हासिल करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq