एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भीमा गोरेगांव मामले में गिरफ़्तार कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए काम करने वाले नौ लोगों को स्पाइवेयर का निशाना बनाया गया था. उन्होंने मांग की है कि इसकी स्वतंत्र जांच हो और पता लगाया जाए कि क्या इन स्पाइवेयर अभियानों और किसी ख़ास सरकारी एजेंसी के बीच कोई संबंध है.