नरेंद्र मोदी ने कम से कम एक ऐसा आर्थिक समाज तो बना दिया है जो नतीजे से नहीं नीयत से मूल्यांकन करता है. मूर्खता की ऐसी आर्थिक जीत कब देखी गई है? गीता गोपीनाथ जैसी अर्थशास्त्री को नीयत का डेटा लेकर अपना नया शोध करना चाहिए.
बीते सोमवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ किसानों की हुई बैठक विफल रही और किसानों ने दिल्ली आने के निर्णय को वापस नहीं लिया.
विशेष रिपोर्ट: राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के पास यह जानकारी भी नहीं है कि देश में कुल कितने सफाईकर्मी हैं. 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1993 से लेकर अब तक सीवर में दम घुटने की वजह हुई मौतों और मृतकों के परिवारों की पहचान कर उन्हें 10 लाख रुपये मुआवज़ा देने का आदेश दिया गया था.
इस भुगतान का हिसाब लगाने से पता चलता है कि हर लोकसभा सांसद को प्रत्येक वर्ष औसतन 71.29 लाख रुपये का वेतन-भत्ता मिला, जबकि हर राज्यसभा सांसद को इस मद में प्रत्येक साल औसतन 44.33 लाख रुपये की रकम अदा की गई.
आर्थिक संकट से जूझ रही सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया पर यह बकाया वीवीआईपी चार्टर उड़ानों का है, जिसमें सर्वाधिक 543.18 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सचिवालय का है.
अफीम की खेती, बिक्री और सेवन को क़ानूनी रूप से वैध करने की आम आदमी पार्टी के निलंबित सांसद धर्मवीर गांधी की मांग का समर्थन करते हुए पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने इसे मादक पदार्थ हेरोइन से कई गुना बेहतर बताया है.
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा देश भर से करीब 300 कर्मचारियों की 'अवैध छंटनी' के विरोध में पीटीआई एम्प्लॉइज फेडरेशन ने संस्थान के सीईओ वेंकी वेंकटेश को पत्र लिखा है. वहीं दिल्ली पत्रकार यूनियन ने श्रम मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इस पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है.
कांग्रेस विधायक और कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले निदेशकों में से एक राजेंद्रसिंह परमार ने कहा कि यह अमूल का कार्यक्रम था लेकिन भाजपा ने उसे राजनीतिक कार्यक्रम बना डाला.
मोदी सरकार के चार सालों में 21 सरकारी बैंको ने 3 लाख 16 हज़ार करोड़ के लोन माफ़ किए हैं. यह भारत के स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के कुल बजट का दोगुना है. सख़्त और ईमानदार होने का दावा करने वाली मोदी सरकार में तो लोन वसूली ज़्यादा होनी चाहिए थी, मगर हुआ उल्टा. एक तरफ एनपीए बढ़ता गया और दूसरी तरफ लोन वसूली घटती गई.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संतोषजनक बताते हुए भोजन के अधिकार पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने कहा कि आधार लिंक नहीं करा पाने की वजह से कई लोगों को कल्याणकारी योजनाओं से वंचित कर दिया गया, जिसकी वजह से लगभग 20 लोगों की मौत हो चुकी है.
केंद्रीय सूचना आयोग ने इसी साल 15 जून को आदेश दिया था कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर, ग्वालियर के ज़िलाधिकारी और सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय सांसद निधि के तहत ख़र्च की गई राशि की विस्तृत जानकारी दें.
अब तक हमारे लोकतंत्र का इतिहास यही रहा है कि जिसने भी सत्ता के मद में ख़ुद को मतदाताओं से बड़ा समझने की हिमाक़त की, मतदाता उसे सत्ता से बेदख़ल करके ही माने. साफ़ है कि वोट की ऐसी राजनीति से मतदाताओं को नहीं, उन्हें ही डर लगता है जो डराने की राजनीति करते हैं.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, मिज़ोरम, असम, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल और सिक्किम के प्रमुख समाचार.
सत्या, मॉनसून वेडिंग, वक़्त: द रेस अगेंस्ट टाइम, गांधी माय फादर, द लास्ट लीयर, लक्ष्मी, दिल धड़कने दो जैसी फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली शेफाली शाह हाल ही में रिलीज़ फिल्म वंस अगेन में मुख्य भूमिका में नज़र आईं. उनसे प्रशांत वर्मा की बातचीत.
प्रधानमंत्री जी! इतनी लचर तैयारी से तो भारत ‘आयुष्मान’ होने से रहा.