ओलंपिक 2024: कुश्ती के फाइनल मैच से पहले विनेश फोगाट अयोग्य घोषित

भारतीय ओलंपिक संघ ने एक बयान जारी कर बताया है कि महिला कुश्ती के 50 किग्रा वर्ग से विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित कर दिया गया क्योंकि उनका भार तय नियमों से सौ ग्राम ज़्यादा था. मंगलवार को फोगाट ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं.

कश्मीर की तलाश में: तीसरी क़िस्त

अगस्त 2019 में दावे किए जा रहे थे कि बहुत जल्द पंडित लौटकर कश्मीर आ जाएंगे, बाकी हिंदुस्तानी भी पहलगाम और सोनमर्ग में ज़मीन ख़रीद सकेंगे. लेकिन हालात ऐसे बिगड़े कि घाटी में बचे रह गए पंडित भी अपना घर छोड़कर जाना चाह रहे हैं.

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव अगले सितंबर माह में होंगे- केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी

बीते साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में निर्देश दिया था कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए और निर्वाचन आयोग 30 सितंबर, 2024 तक वहां विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए.

दार्जिलिंग: केंद्र द्वारा पहाड़ी क्षेत्र की अनदेखी पर जीएनएलएफ ने भाजपा के विरोध में काले झंडे लगाए

गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) 2019 से भारतीय जनता पार्टी का सहयोगी है. भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों के घोषणापत्र में दार्जिलिंग के पहाड़ी क्षेत्र को स्थायी राजनीतिक समाधान देने और 11 गोरखा समुदायों को आदिवासी समुदाय का दर्जा देने का वादा किया था.

दिल्ली में पांच साल में 30,000 से अधिक निर्माण तोड़े गए, 52 फीसदी अकेले 2023 में: केंद्र

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में प्रस्तुत आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने पिछले पांच सालों में 30,853 संपत्तियों को तोड़ा. इस कार्रवाई में लगभग 103.27 करोड़ रुपये का ख़र्च आया.

जम्मू कश्मीर में 5 साल में आर्थिक वृद्धि गिरी; कर्ज़, बेरोजगारी, आत्महत्या में इज़ाफ़ा- रिपोर्ट

'द फोरम फॉर ह्यूमन राइट्स इन जम्मू एंड कश्मीर'की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2015 से मार्च 2019 के बीच जम्मू कश्मीर के नेट स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट (एनएसडीपी) में 13.28% की वार्षिक वृद्धि हुई थी. 2019 में इसके केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह वृद्धि घटकर 8.73% रह गई है.

मध्य प्रदेश: 43 बाघों की मौत को एसआईटी ने अधिकारियों की उदासीनता, लापरवाही का नतीजा बताया

वर्ष 2021 से 2023 के बीच मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और शहडोल वन मंडल में 43 बाघों की मौत की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उच्च अधिकारियों और वन रेंज अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में रूचि नहीं दिखाई, 17 मामलों में विस्तृत जांच के बिना ही बाघों की मौत को आपसी लड़ाई का नतीजा बता दिया.

कश्मीर की तलाश में: दूसरी क़िस्त

कश्मीर में इस वक्त दो भावनाएं साथ बहती हैं: गहरा आक्रोश व अपमान, और घनघोर निराशा कि यह स्थिति अपरिवर्तनीय है. न पाकिस्तान आज़ादी दिला सकता है, न केंद्र की कोई आगामी सरकार 5 अगस्त से पहले की स्थिति बहाल कर पाएगी.

जम्मू कश्मीर: अनुच्छेद 370 हटाए जाने की पांचवीं वर्षगांठ पर कश्मीरी नेताओं को किया नज़रबंद

भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय इकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने श्रीनगर में जश्न मनाते हुए एक जुलूस निकाला और कहा कि कश्मीर को 5 अगस्त को आज़ादी मिली थी.

एनसीईआरटी की कक्षा तीन और छह की कई पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना हटाई गई

इस वर्ष एनसीईआरटी द्वारा जारी कक्षा छह की अंग्रेज़ी की नई किताब में राष्ट्रगान दिया गया है, वहीं संस्कृत की किताब में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत दोनों हैं, लेकिन संविधान की प्रस्तावना को जगह नहीं मिली है.

कोचिंग सेंटर मौत: सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर कहा- बच्चों की ज़िंदगी से खिलवाड़ हो रहा है

दिल्ली के एक आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह घटना आंखें खोलने वाली है और किसी भी संस्थान को तब तक संचालन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जब तक कि वे सभी सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं करते.

दिल्ली: नगर निगम में ‘एल्डरमैन’ नियुक्ति के उपराज्यपाल के अधिकार को सुप्रीम कोर्ट ने बरक़रार रखा

दिल्ली नगर निगम में 250 निर्वाचित और 10 नामांकित सदस्य होते हैं. शीर्ष अदालत ने पिछले साल इसी मामले में सुनवाई के दौरान कहा था कि उपराज्यपाल को 'एल्डरमैन' को नामित करने की शक्ति देने का मतलब होगा कि वह एक निर्वाचित नागरिक निकाय को अस्थिर कर सकते हैं.

‘लद्दाख पर लद्दाखियों का शासन हो, 5 साल से कोई राजपत्रित भर्ती नहीं’: सांसद मोहम्मद हनीफा

लद्दाख के निर्दलीय सांसद मोहम्मद हनीफा का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में शिक्षित युवा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, क्योंकि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35(ए) के तहत प्रदान किए गए संवैधानिक सुरक्षा उपाय अब मौजूद नहीं हैं.

आरक्षण वर्गीकरण पर शीर्ष अदालत का निर्णय नए प्रश्नों को जन्म देता है

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने दलित-आदिवासी संस्कृति और परंपराओं पर प्रश्नचिह्न लगाया है, साथ ही यह महत्वपूर्ण प्रश्न भी प्रस्तुत कर दिया हैं कि आरक्षण के प्रावधान के बावजूद जो जातियां और वर्ग अब तक पिछड़े हैं, उनकी उन्नति का उत्तरदायित्व कौन लेगा?

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