असम के शिवसागर से निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई के ख़िलाफ़ यह मामला 2019 के नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हुए आंदोलन से जुड़ा है. यह राज्य में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान उनके खिलाफ दर्ज उन दो मामलों में से एक है, जो हिंसक हो गया था.
एल्गार परिषद मामले में लंबे समय से जेल में बंद सात कार्यकर्ताओं- सुरेंद्र गाडलिंग, हेनी बाबू, रोना विल्सन, सागर गोरखे और रमेश गाइचोर, सुधीर धवले और महेश राउत ने 18 अक्टूबर से अनशन शुरू किया है. बताया गया है कि मामले में पिछली तीन सुनवाई के दौरान उन्हें अदालत में पेश नहीं किया गया.
बीते महीने एल्गार परिषद मामले के आरोपियों की सूची से फादर स्टेन स्वामी का नाम हटाए जाने की अपील वाली याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ के सामने आई थी, जब जस्टिस मोहित-डेरे ने सुनवाई से ख़ुद को अलग कर लिया.
मणिपुर टेप्स पड़ताल के तीसरे हिस्से में कथित तौर पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह कहते हैं कि राज्य की सरकारी नौकरियों में अधिकतर कुकी हैं, जो एसटी कोटे की मदद वहां पहुंचे हैं. वे कथित तौर पर पंद्रह महीने से जारी जातीय संघर्ष को शुरू करने का दावा भी करते हैं.
वीडियो: मणिपुर में बीते 15 महीनों से जारी जातीय संघर्ष के बीच एक पड़ताल में सामने आए ऑडियो टेप्स ने सीएम एन. बीरेन सिंह की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. हिंसा के दौरान राज्य में तैनात असम राइफल्स को लेकर भी विवाद हुआ. इन पर द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती और द हिंदू की डिप्टी एडिटर विजेता सिंह से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
मणिपुर में सालभर से चल रहे संघर्ष की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की एक कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग, जिसे हिंसा की जांच कर रहे आयोग के सामने भी रखा गया है, सीएम के तौर पर उनके आचरण और इरादों पर सवाल खड़े करती है. मणिपुर सरकार ने रिकॉर्डिंग को 'फ़र्ज़ी' कहा है.
गौतम नवलखा को 14 अप्रैल, 2020 को गिरफ़्तार किया गया था. शुरुआती वर्षों में वह जेल में रहे, हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें 10 नवंबर, 2022 से नवी मुंबई के घर में नज़रबंद रखा गया था.
एनआईए द्वारा यूएपीए के आरोपों के तहत गिरफ़्तार किए गए कर्नाटक के दिवंगत कांग्रेस विधायक बीएम इदिनब्बा के पोते अम्मार अब्दुल रहमान को ज़मानत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि केवल इसलिए कि इस व्यक्ति की मध्य-पूर्व और इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष से संबंधित ख़बरों पर नज़र थी, यह मानना सही नहीं होगा कि वह प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे थे.
चुनाव के पहले महीने में आदर्श आचार संहिता लागू करने पर अपना रिपोर्ट कार्ड सार्वजनिक करते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा कि वह सीबीआई, ईडी और एनआईए जैसी केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर कार्रवाई की विपक्षी दलों की याचिका पर कोई क़दम नहीं लेगा क्योंकि वह क़ानूनी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता.
चुनाव के साफ़ सुथरा और निष्पक्ष होने में विपक्ष के अलावा जनता को दिलचस्पी होनी चाहिए. आशा की जाती है कि जब शासक दल निरंकुश होने लगे तो राज्य की बाक़ी संस्थाएं मिलकर जनतांत्रिक प्रक्रियाओं की हिफ़ाज़त करेंगी. लेकिन जान पड़ता है राज्य की सभी संस्थाओं ने भाजपा में अपना विलय कर दिया है.
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वीडियो: यूएपीए के तहत दर्ज एक मामले में पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने बीते 3 अक्टूबर को समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और प्रशासक अमित चक्रवर्ती को गिरफ़्तार कर लिया था. इस मामले को लेकर स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव से बातचीत.
अक्टूबर के शुरुआती कुछ दिनों में ही देश के विभिन्न राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों के व्यवस्थित 'छापे', 'क़ानूनी कार्रवाइयां', नए दर्ज हुए केस और उन आवाज़ों पर दबाव बनाने के प्रयास देखे गए, जो इस सरकार से असहमत हैं या उसकी आलोचना करते हैं.
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने चुराचांदपुर ज़िले में अनिश्चितकालीन बंद की शुरुआत करते हुए केंद्रीय एजेंसियों द्वारा दो छात्रों की हत्या के संबंध में की गईं गिरफ़्तारियों को जल्दबाजी में की गई चयनित कार्रवाई क़रार दिया. दूसरी ओर कांगपोकपी ज़िले में भी एक अन्य कुकी-ज़ोमी संगठन कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी ने गिरफ़्तार किए गए लोगों की रिहाई की मांग के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर आपातकालीन बंद किया है.
इस साल मार्च और जुलाई महीने में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा हमला किया गया था. कनाडा द्वारा खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाने के बीच एनआईए ने 10 खालिस्तान समर्थकों की तस्वीरें जारी कर इनके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मांगी है, जिससे उनकी गिरफ़्तारी की जा सके.