जम्मू कश्मीर के गृह विभाग ने एक आदेश में कहा है कि सीआईडी के प्रमुख की अध्यक्षता में स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी नाम से नई एजेंसी आतंकवाद से जुड़े मामलों और अपराधियों को कटघरे में लाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम करेगी.
एनआईए ने 27 अक्टूबर 2013 को बिहार की राजधानी पटना में नरेंद्र मोदी की एक चुनावी रैली के स्थान पर हुए इन विस्फोटों के सिलसिले में कुल 11 लोगों के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दायर किया था. किसी आतंकवादी संगठन ने इस घटना की ज़िम्मेदारी नहीं ली थी, लेकिन संदेह था कि इस घटना के पीछे प्रतिबंधित संगठन सिमी और इंडियन मुजाहिदीन का हाथ है.
जम्मू कश्मीर के फ्रीलांस फोटो पत्रकार मनन गुलज़ार डार को आतंकी साज़िश मामले में एनआईए ने गिरफ़्तार किया है. एनआईए ने इस महीने की शुरुआत में मनन के भाई हनन गुलज़ार डार को गिरफ़्तार किया था. परिवार का कहना है कि एक पखवाड़े से अधिक समय बीत गया है, लेकिन उन्हें नहीं पता कि वह ज़िंदा हैं या नहीं.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कथित माओवादी संबंधों को लेकर केरल के दो छात्रों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस और एनआईए का कहना था कि ये दोनों छात्र प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से जुड़े हुए थे. सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए से पूछा था कि ये 20 से 25 साल की उम्र के लड़के हैं. इनके पास से कुछ सामग्री मिली है. क्या किसी तरह के अनुमान के आधार पर उन्हें जेल में डाला जा सकता है?
एल्गार परिषद मामले में आरोपी 82 वर्षीय कवि वरवरा राव को फरवरी में मेडिकल आधार पर मिली अंतरिम ज़मानत के बाद पांच सितंबर को आत्मसमर्पण कर न्यायिक हिरासत में लौटना था, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा इस अवधि का विस्तार करते हुए उन्हें राहत दी गई है. कोर्ट ने राव से चिकित्सा ज़मानत पर बाहर रहने के दौरान अपने गृहनगर जाने की अनुमति के लिए अलग से याचिका दायर करने को भी कहा है.
मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार गौतम नवलखा की पार्टनर सहबा हुसैन ने बताया कि उन्हें बीते 12 अक्टूबर को नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल के अंडा सेल में शिफ्ट किया गया है और उनका स्वास्थ्य काफी बिगड़ गया है. एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ़्तार कार्यकर्ताओं, वकीलों और विद्वानों में नवलखा सबसे उम्रदराज़ हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट परमबीर सिंह की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें पुलिस निरीक्षक भीमराव घाडगे की एक शिकायत पर उनके ख़िलाफ़ एससी-एसटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया गया है. राज्य सरकार ने सुनवाई में कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए अब वह अपने आश्वासन पर क़ायम नहीं रहना चाहती कि सिंह के ख़िलाफ़ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.
भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर मालेगांव विस्फोट मामले में स्वास्थ्य के आधार पर ज़मानत पर बाहर हैं और यह दावा करते हुए कई अदालती सुनवाई में पेश नहीं हुई हैं कि वह गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं. ठाकुर वर्तमान में मुंबई की एक अदालत में यूएपीए की कड़ी धाराओं के तहत मुक़दमे का सामना कर रही हैं.
एल्गार परिषद मामले में आरोपी 82 वर्षीय कवि वरवरा राव को इस साल फरवरी में मेडिकल आधार पर अंतरिम ज़मानत मिली थी. उन्हें पांच सितंबर को आत्मसमर्पण कर न्यायिक हिरासत में लौटना था, लेकिन अदालत द्वारा ज़मानत अवधि का विस्तार करते हुए उन्हें राहत दी गई है.
कर्नाटक के मंगलुरु शहर का मामला. विश्व हिंदू परिषद के एक नेता ने कहा कि हम पार्क के नामकरण के ख़िलाफ़ नहीं हैं, वो इसका नाम ऑस्कर फर्नांडीस या जॉर्ज फर्नांडीस या सेंट एलॉयसियस कॉलेज के संस्थापक के नाम पर रख सकते हैं, लेकिन स्टेन स्वामी के नाम पर नहीं. वैसे तो उनकी मौत हो चुकी है, लेकिन उन पर लगे आरोपों को ख़ारिज नहीं किया गया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने गुजरात के मुंद्रा अडानी बंदरगाह पर पिछले महीने मादक पदार्थ हेरोइन की दो बड़ी खेप पकड़े जाने के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा कराने की मांग करते हुए कहा कि एनआईए पर अब देश को भरोसा नहीं है, क्योंकि इस एजेंसी के द्वारा विभिन्न मामलों में भाजपा से संबंधित आरोपियों को बरी करवाने का इतिहास है.
एल्गार परिषद मामले में एक आरोपी और गवाह का कहना है कि भीमा-कोरेगांव हिंसा आरएसएस कार्यकर्ता संभाजी भिड़े और भाजपा के पूर्व पार्षद मिलिंद एकबोटे ने भड़काई थी. उन्होंने जांच आयोग को एक प्रेस विज्ञप्ति भी सौंपी तथा दावा किया कि वह विज्ञप्ति मिलिंद एकबोटे ने हिंसा से कुछ दिन पहले पुणे के ज़िलाधिकारी को दी थी और उसमें मुख्य रूप से दलित और आंबेडकरवादी समुदायों के लोगों के एकत्रित होने के प्रति विरोध जताया था.
दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर कथित तौर पर विस्फोटक मिलने के मामले की जांच कर रही एनआईए ने बयान दर्ज करने के लिए अगस्त में परमबीर सिंह को तलब किया था. उन्हें तब से कई बार समन दिए गए पर वो पेश नहीं हुए. अपुष्ट ख़बरें हैं कि गिरफ़्तारी से डर से सिंह देश छोड़कर भाग गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए द्वारा दायर उस याचिका पर यह सवाल किया, जिसमें केरल हाईकोर्ट द्वारा क़ानून के छात्र अल्लान शुहैब को ज़मानत देने के फ़ैसले को सही ठहराने वाले आदेश को ख़ारिज करने की मांग की गई है.
एनआईए ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि बर्ख़ास्त किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वझे ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से भरी एसयूवी खड़ी की थी ताकि अमीर और समृद्ध लोगों को आतंकित और गंभीर परिणाम भुगतने का डर दिखाकर वसूली कर सकें.