एक 27 वर्षीय नाइजीरियाई व्यक्ति रासायनिक विश्लेषण रिपोर्ट में टाइपिंग की गलतियों को लेकर एक साल से अधिक समय से जेल में है. उसे कथित तौर पर अपने पास मादक पदार्थ रखने को लेकर अक्टूबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था. बॉम्बे हाईकोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.