भारतीय मजदूर संघ ने नीति आयोग के उन निष्कर्षों को आधारहीन बताया है कि श्रम कानूनों में संशोधन के बिना विकास और रोज़गार संभव नहीं है.
जल्दी रिटायर करने और पेंशन ख़त्म करने की नीतियों के समर्थक पनगढ़िया जी 65 साल की उम्र में स्थायी नौकरी की तलाश करते रहे.
नीति आयोग के गठन के बाद पांच जनवरी, 2015 को पनगढ़िया को पहला उपाध्यक्ष बनाया गया था.
भारतीय मज़दूर संघ के अनुसार, नीति आयोग कमज़ोर तबके का नहीं बल्कि मज़बूत कॉरपोरेट लॉबी का समर्थन कर रहा है.