नीति आयोग के सदस्य विनोद के. पॉल ने एक कार्यक्रम में कहा कि हमारे पास डॉक्टरों की कमी है. भारत में प्रति 1000 जनसंख्या पर एक डॉक्टर है, अगर हम आयुष चिकित्सकों को जोड़ दें तो 1.3 डॉक्टर हैं. उन्होंने कहा कि लोगों की पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल के लिए देश में एमबीबीएस और विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या बढ़ाना सबसे ज़रूरी है.
संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों की ओर से 2015 में 2030 एजेंडा के रूप में अपनाए गए 17 सतत विकास लक्ष्यों में पिछले साल भारत 115वें स्थान पर था. हालिया रिपोर्ट में यह दो पायदान नीचे आया है, जहां इसका स्थान चार और दक्षिण एशियाई देशों- भूटान, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश के बाद है.
इस सूचकांक में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति का मूल्यांकन किया जाता है. केरल ने 75 अंक के साथ शीर्ष राज्य के रूप में अपना स्थान बरक़रार रखा है, जबकि बिहार, झारखंड और असम सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाले राज्य रहे हैं.
बीते 28 मई को केंद्र सरकार ने 13 ज़िलों में रह रहे अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश तथा पाकिस्तान के ग़ैर-मुस्लिमों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन मंगाने संबंधी अधिसूचना जारी की है. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की ओर से मांग की गई है कि जब तक सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका अदालत में लंबित है, तब तक केंद्र को नागरिकता संबंधी नए आदेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया जाए.
केंद्र की मोदी सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के 13 ज़िलों में रह रहे अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने के लिए निर्देश दिया है.
पश्चिम बंगाल में चल रहे विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने टीएमसी के इस दावे को ख़ारिज किया कि अगर भाजपा बंगाल में सत्ता में आई तो एनआरसी लागू करेगी. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि एनआरसी लाने की कोई योजना नहीं है, पर सीएए ज़रूर लागू होगा.
पीएम केयर्स फंड के तहत कुल 50,000 स्वदेशी वेंटिलेटर का उत्पादन किया जाना था, लेकिन अब तक सिर्फ़ 2,923 वेंटिलेटर का ही उत्पादन हुआ है, जिनमें से 1,340 वेंटिलेटर को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजा जा चुका है.
नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं. वहां जारी विरोध प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि जेएनयू एक राजनीतिक युद्ध का मैदान बन गया है. यह 10 रुपये से लेकर 300 रुपये तक फीस वृद्धि का मुद्दा नहीं है. हर कोई लड़ाई जीतने की कोशिश कर रहा था. मैं राजनीतिक दलों का नाम नहीं लूंगा.
बीते 22 दिसंबर को एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पिछले पांच सालों की उनकी सरकार में एनआरसी पर कोई चर्चा नहीं हुई है. उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों पर लोगों में भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया था.
नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सतत विकास लक्ष्यों के इस साल के सूचकांक में बिहार, झारखंड और अरुणाचल प्रदेश का प्रदर्शन सबसे ख़राब रहा. यह भी कहा गया है कि पोषण और स्त्री-पुरुष असमानता देश के लिए समस्या बनी हुई है.
एक साक्षात्कार में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि एनपीआर आंकड़ों का इस्तेमाल कभी भी एनआरसी के लिए नहीं किया जा सकता है. यहां तक कि कानून भी अलग-अलग हैं…मैं सभी लोगों, खासकर अल्पसंख्यकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनपीआर का इस्तेमाल एनआरसी के लिए नहीं किया जाएगा. यह एक अफवाह है.
वीडियो: केंद्र सरकार ने बीते दिनों नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी एनपीआर अपडेट करने और जनगणना 2021 की शुरुआत करने को मंज़ूरी दे दी है. इसके बाद ही बहस शुरू हो गया कि यह देशभर में एनआरसी लाने का पहला क़दम है, जिसका विरोध हो रहा है. इस बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं सुप्रीम कोर्ट के वकील शादान फरासत.
एक तरफ सरकार जहां इस बात से इनकार कर रही है कि एनपीआर और एनआरसी में कोई संबंध है, वहीं अपने पहले कार्यकाल में नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद में कम से कम नौ बार बताया था कि एनआरसी को एनपीआर आंकड़ों के आधार पर पूरा किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने की मंज़ूरी दे दी है. विपक्ष ने इसे देशव्यापी एनआरसी की तरफ सरकार का पहला कदम बताया है.
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर राज्यों के विरोध के बीच गृह मंत्रालय ने इसे अपडेट करने के लिए कैबिनेट से करीब चार करोड़ करोड़ रुपये मांगे हैं. साथ ही अब से इस प्रक्रिया में माता-पिता का जन्मस्थान और जन्मतिथि भी बतानी होगी, जो पिछले एनपीआर में नहीं पूछा जाता था.