बीते 8 जुलाई को मणिपुर पुलिस ने मेईतेई लीपुन संगठन के प्रमुख प्रमोत सिंह के ख़िलाफ़ कुकी छात्र संगठन की शिकायत पर एफ़आईआर दर्ज की थी. उन पर आदिवासी कुकी समुदाय के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप है. इस मामले में सिंह को थाने में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया.
निषादों को आरक्षण देने की मांग को लेकर साल 2015 में उत्तर प्रदेश में गोरखपुर शहर के सहजनवा क्षेत्र में हुए उग्र आंदोलन में संजय निषाद समेत 37 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था. इस दौरान पुलिस के साथ हुई झड़प के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई और 24 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
इलाहाबाद पुलिस शहर के करेली और खुल्दाबाद इलाके में बीते 10 जून को भड़की हिंसा के संबंध में अब तक 97 लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है. गिरफ़्तार किए गए लोगों में जावेद मोहम्मद भी शामिल हैं, जिनका मकान प्रशासन ने अवैध बताकर गिरा दिया था. उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 20 एफ़आईआर दर्ज की गई है और 415 आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है.
मुज़फ़्फ़रनगर के कवाल गांव में दो युवकों की हत्या को लेकर कार्रवाई के लिए सितंबर 2013 को जाट समुदाय के लोगों ने महापंचायत बुलाई थी. महापंचायत से लौट रहे लोगों पर हमले के बाद हिंसा भड़क गई थी. इस दौरान 65 लोगों की मौत हो गई और लगभग 40,000 लोगों को पलायन करना पड़ा था.
मामला बरेली का है और 1990 में संपत्ति विवाद में हुई एक दंपति की मौत से जुड़ा है. मृतकों की बेटी का आरोप था कि घटना के दिन चार-पांच लोग चाकुओं-डंडों के साथ उनके घर में घुसे और उनके माता-पिता की हत्या कर दी. जांच में उत्तराखंड की मंत्री रेखा आर्य के पति गिरधारी लाल साहू सहित 11 लोगों के ख़िलाफ़ आरोप तय किए गए थे.
उत्तर प्रदेश के सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम पर साल 2013 में मुज़फ़्फ़रनगर में हुए सांप्रदायिक दंगे के पहले सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो अपलोड करने का मामला दर्ज किया था. एसआईटी ने विशेष अदालत में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल कर कहा कि सोम के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला.
इन आरोपियों में भाजपा विधायक संगीत सोम, सुरेश राणा, कपिल देव शामिल हैं. दंगे से पहले जाट समुदाय के लोगों द्वारा बुलाई के गई महापंचायत के संबंध में ये केस दर्ज किया गया था. भाजपा विधायकों पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में अलग-अलग घटनाओं में दो चचेरे भाइयों गौरव और सचिन के साथ एक अन्य युवक शाहनवाज कुरैशी की हत्या हो गई थी जिसके बाद पूरे इलाके में हिंसा फैल गई थी. इस दौरान 62 लोगों की मौत हुई थी जबकि 50 हजार से ज़्यादा लोग विस्थापित हो गए थे.
दंगों के लगभग 20 मामलों में विधायक और सांसद भी आरोपियों की सूची में हैं. पुलिस ने भाजपा विधायक उमेश मलिक, भाजपा सांसद भारतेंदु सिंह, हिंदुत्ववादी नेता साध्वी प्राची और अन्य के ख़िलाफ़ इसमें उनकी कथित भूमिका के लिए मामला दर्ज किया था.
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने भाजपा विधायक उमेश मालिक समेत बालियान और साध्वी को 22 जून को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है.