असम: एनआरसी संयोजक ने विदेशी न्यायाधिकरणों से कहा- 2019 में आई सूची फाइनल नहीं

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में असम एनआरसी की अंतिम सूची अगस्त 2019 में प्रकाशित हुई थी, जिसमें 19 लाख से अधिक लोगों के नाम शामिल नहीं थे. इस सूची के प्रकाशन के बाद से ही राज्य समन्वयक हितेश देव शर्मा और राज्य की भाजपा सरकार इस पर सवाल उठाते रहे हैं.

हम चाहते हैं कि असम में एनआरसी दोबारा होः हिमंता बिस्वा शर्मा

असम में 'विदेशियों' की पहचान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई एनआरसी की अंतिम सूची अगस्त 2019 में प्रकाशित हुई थी, जिसमें 3.3 करोड़ आवेदकों में से 19 लाख से अधिक लोग को इस सूची जगह नहीं मिली थी. फाइनल सूची आने के बाद से ही राज्य की भाजपा सरकार इस पर सवाल उठाती रही है.

नागरिकता साबित करने के लिए सभी रिश्तेदारों के साथ संबंध का प्रमाण ज़रूरी नहीं: हाईकोर्ट

असम के फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने अपने एक आदेश में हैदर अली नामक एक व्यक्ति को विदेशी घोषित कर दिया था, जबकि उन्होंने 1965 और 1970 के वोटर लिस्ट में शामिल अपने पिता और दादा के साथ संबंध को प्रमाण दिया था. गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा कि व्यक्ति को सिर्फ़ इस आधार पर विदेशी नहीं घोषित किया जा सकता है कि वे वोटर लिस्ट में शामिल रिश्तेदारों के साथ अपने संबंध स्थापित नहीं कर पाया है.

असम विधानसभा चुनाव के बीच एनआरसी का मुद्दा कहां है…

ऐसे राज्य में जहां एनआरसी के चलते 20 लाख के क़रीब आबादी 'स्टेटलेस' होने के ख़तरे के मुहाने पर खड़ी हो, वहां के सबसे महत्वपूर्ण चुनाव में इस बारे में विस्तृत चर्चा न होना सवाल खड़े करता है.

एनआरसी सूची जारी होने के डेढ़ साल बाद एनआरसी समन्वयक ने हाईकोर्ट से कहा- फाइनल सूची आनी बाक़ी

असम में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित हुई थी, जिसमें 19 लाख लोगों के नाम नहीं आए थे. अब एनआरसी समन्वयक हितेश शर्मा ने गुवाहाटी हाईकोर्ट में दायर एक हलफ़नामे में कहा है कि वह सप्लीमेंट्री सूची थी और उसमें 4,700 अयोग्य नाम शामिल हैं.

अयोग्य व्यक्तियों के नाम एनआरसी में कैसे शामिल हुए, हलफ़नामा दायर कर बताएं: गुवाहाटी हाईकोर्ट

एक महिला को असम के नलबाड़ी ज़िले की विदेशी अधिकरण ने साल 2019 को विदेशी घोषित किया था, उन्होंने अदालत में याचिका दायर कर इसे चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एनआरसी के राज्य समन्वयक से एक विस्तृत हलफ़नामा दायर करने का कहा है.

असम: एनआरसी से ‘अपात्र’ लोगों को हटाने के आदेश को अल्पसंख्यक छात्र संघ और जमीयत देंगे चुनौती

31 अगस्त 2019 को जारी हुई असम एनआरसी की अंतिम सूची में 3.3 करोड़ आवेदनकर्ताओं में से 19 लाख से अधिक लोगों के नाम नहीं आए थे. ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन का कहना है कि एनआरसी से बाहर किए गए 19 लाख लोगों में से कई वास्तविक भारतीय नागरिक हैं.

असम: एनआरसी की अंतिम सूची से क़रीब दस हज़ार ‘अपात्र’ लोगों के नाम हटाए जाने के निर्देश

एनआरसी असम के समन्वयक हितेश देव शर्मा ने सभी उपायुक्तों और नागरिक पंजीयन के जिला पंजीयकों को लिखे पत्र में कहा है कि फाइनल सूची में घोषित विदेशी, डी वोटर्स और विदेशी न्यायाधिकरण में लंबित श्रेणियों के लोगों के नाम हैं और इनकी पहचान कर इन्हें डिलीट किया जाए.

असम एनआरसी का एक साल: अंतिम सूची से बाहर रहे 19 लाख लोगों के साथ क्या हुआ

एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के एक साल बाद भी इसमें शामिल नहीं हुए लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए ज़रूरी रिजेक्शन स्लिप का इंतज़ार है. प्रक्रिया में हुई देरी के लिए तकनीकी गड़बड़ियों से लेकर कोरोना जैसे कई कारण दिए जा रहे हैं, लेकिन जानकारों की मानें तो वजह केवल यही नहीं है.

असम: डिटेंशन सेंटर में बंद 60 वर्षीय महिला की मौत, कुल मृतकों की संख्या 30 पहुंची

कोकराझार जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने महिला की पहचान राबेदा बेगम के रूप में की, जो कि फरवरी 2018 से हिरासत में थीं.

असम के डिटेंशन सेंटर में 799 लोग रखे गए हैं: केंद्र सरकार

इसमें से 95 लोग तीन साल या इससे भी ज्यादा समय से इन केंद्रों में बंद हैं. पिछले चार सालों में डिटेंशन सेंटर में बीमारी से 26 लोगों की मौत हुई है.

असम में पिछले साल डिटेंशन सेंटर में दस लोगों की मौत: केंद्र सरकार

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में बताया कि असम के छह डिटेंशन सेंटर, जहां घोषित विदेशी या दोषी विदेशियों को रखा जाता है. इनमें 3331 लोगों को रखने की क्षमता है. इससे पहले सरकार ने बताया था कि बीते तीन साल में असम के डिटेंशन सेंटर में 29 लोगों की मौत हो चुकी है.

असम: डिटेंशन सेंटर में रखे गए शख्स की मौत, कुल मृतकों की संख्या 29 पहुंची

इस मौत के साथ ही अब तक असम स्थित डिटेंशन सेंटरों में रखे गए लोगों की होने वाली मौतों की संख्या 29 पहुंच चुकी है. इन डिटेंशन सेंटरों में करीब 1000 लोगों को रखा गया है.

असम सरकार एनआरसी की अंतिम सूची से बाहर हुए हिंदू बंगालियों की संख्या सार्वजनिक करेगी: हिमंता

गृह मंत्री अमित शाह ने 20 नवंबर को राज्यसभा में कहा था कि असम में एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया भारत के बाकी हिस्से के साथ नये सिरे से चलाई जाएगी, जिसके बाद असम सरकार में मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बताया था कि राज्य सरकार ने केंद्रीय गृहमंत्री से एनआरसी के मौजूदा स्वरूप को ख़ारिज करने का अनुरोध किया है.

भ्रष्टाचार के आरोप में एनआरसी के पूर्व संयोजक प्रतीक हजेला पर केस दर्ज

गैर सरकारी संस्था असम पब्लिक वर्क्स (एपीडब्ल्यू) ने प्रतीक हजेला पर एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया में बड़े स्तर पर सरकारी धनराशि के गबन करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है.

1 2 3 4