नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में असम के विभिन्न ज़िलों में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद वहां मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं. प्रदर्शनों के दौरान पांच लोगों की मौत हो गई थी.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने दावा किया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल नागरिकता संशोधन कानून और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ कुछ राज्यों में हो रहे प्रदर्शनों के लिए जिम्मेदार हैं.
विदेशी विश्वविद्यालयों के छात्रों ने भारत सरकार को लिखे एक पत्र में कहा, ये घटना किसी भी लोकतांत्रिक समाज की अंतरात्मा को झकझोर देता है.
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और सूर्य कांत की पीठ ने केंद्र से कहा कि वे इस संबंध में दायर सभी याचिकाओं पर जनवरी के दूसरे हफ्ते तक जवाब दायर करें.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार सत्ता में बने रहने के लिए लोगों को विभाजित कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने जनता को भड़काने, गुमराह करने के अलावा कुछ नहीं किया है.
असम में नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ बीते 11 दिसंबर से प्रदर्शन जारी है. इस दौरान हिंसा में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है. डिब्रूगढ़ और मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में मंगलवार को कर्फ्यू में ढील दी गई.
बीते 11 दिसंबर से नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद से असम के विभिन्न इलाकों में प्रदर्शन जारी हैं. आसू नेता समेत 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया. बाद में रिहा किए गए. गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू में थोड़ी राहत.
बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने कहा है कि भारत के पास अगर वहां अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों की सूची है तो हमें दे, उन लोगों को वापस लिया जाएगा. लेकिन अगर हमारे नागरिकों के अलावा कोई बांग्लादेश में घुसता है तो हम उसे वापस भेज देंगे.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में जारी प्रदर्शनों के बीच अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में रविवार देर रात छात्र और पुलिसकर्मी आमने-सामने आ गए और पथराव तथा लाठीचार्ज में कम से कम 60 छात्र जख्मी हो गए. जिले में एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाएं सोमवार रात 12 बजे तक के लिए बंद कर दी गई हैं.
हालांकि असम में भाजपा की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद ने संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया था.
झारखंड के दुमका में हुई एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि झामुमो और कांग्रेस के पास राज्य के विकास का कोई न रोडमैप है, न इरादा. उनको एक ही बात पता है कि भाजपा का विरोध करो, मोदी को गाली दो. भाजपा का विरोध करते-करते इन लोगों को देश का विरोध करने की आदत हो गई है.
इस कानून के खिलाफ असम में प्रदर्शन आरंभ होने के बाद पहली बार पार्टी की राज्य इकाई की तरफ से याचिका दायर किए जाने की घोषणा की गई है. इससे पहले कांग्रेस के कुछ नेताओं ने अपने स्तर से याचिक दायर की है.
सरकार द्वारा संचालित गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ने ये आंकड़ा दिया है, जहां पर घायलों को इलाज के लिए जाया गया था.
प्रदर्शनकारी छात्रों ने राज्यपाल बीडी मिश्रा को एक ज्ञापन सौंपा और कहा, यह कानून इस क्षेत्र को धर्म के आधार पर बांट देगा और मूल लोगों का अस्तित्व संकट में डाल देगा.
राज्य सरकारों से यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि लोगों को बाहर जाकर रोजी क्यों तलाशनी पड़ती है? लोग अपने परिवार के साथ अपने इलाके में गरिमामय जीवन और शांति का माहौल चाहते हैं. राज्य सरकारें उनके राज्यों में रहने-जीने की सही व्यवस्था और अपराधमुक्त माहौल क्यों नहीं मुहैया करा पातीं?