केरल हाईकोर्ट ने 3 दिसंबर को उन कई याचिकाओं पर सुनवाई की, जिनमें बोर्ड के उस मानदंड को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत केवल केरल के ब्राह्मण ही सबरीमाला मंदिर में मुख्य पुजारी के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं. याचिकाकर्ताओं ने इसे भारतीय संविधान के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है.
भरतपुर ज़िले में नौकरी और उच्च शिक्षा में 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर सैनी, कुशवाहा, माली, मौर्य और शाक्य समुदायों के लोग आंदोलन कर रहे हैं. प्रदेश आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने कहा कि समुदायों के लिए उपलब्ध वर्तमान आरक्षण पर्याप्त नहीं है.