वीडियो: बीते दिनों आयकर विभाग के अधिकारियों ने समाजवादी पार्टी के दो नेताओं और पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के सहयोगी के घरों पर छापेमारी की. तलाशी उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले आती है, जिसमें समाजवादी पार्टी के सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को टक्कर देने की उम्मीद है.
भाजपा उम्मीद कर रही है कि अयोध्या में बहुप्रतीक्षित मंदिर निर्माण आरंभ करने के बाद अब काशी विश्वनाथ को अभूतपूर्व भव्य स्वरूप दे देने से उन्होंने आम हिंदू वोटर के दिल को छू लेने में सफलता प्राप्त कर ली है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने एक ट्वीट में बताया कि सितंबर 2020 से लेकर अब तक लोकसभा सचिवालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर पूछे गए सत्रह सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे और भी कई सवाल हैं, जिनका जवाब सरकार नहीं दे रही है.
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कई विपक्षी नेताओं ने शिकायत की है कि केंद्र सरकार या तो संतोषजनक जवाब नहीं दे रही है या फिर राष्ट्रीय सुरक्षा जैसी वजहों का हवाला देते हुए सवालों को ही हटा दिया जा रहा है.
बीते 15 नवंबर को चुनाव आयोग को क़ानून मंत्रालय का एक पत्र मिला था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा एकल मतदाता सूची को लेकर एक बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं और चाहते हैं कि इसमें ‘मुख्य चुनाव आयुक्त’ मौजूद रहें. इस पत्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग अपने कामकाज की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए सरकार से दूरी बनाए रखता है.
चुनाव आयोग को बीते 15 नवंबर को क़ानून मंत्रालय की ओर से एक पत्र मिला था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा एकल मतदाता सूची को लेकर एक बैठक लेने वाले हैं और चाहते हैं कि इसमें ‘मुख्य चुनाव आयुक्त’ मौजूद रहें. यह पत्र बहुत ही असामान्य था, क्योंकि चुनाव आयोग आमतौर पर अपने कामकाज की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए सरकार से दूरी बनाए रखता है.
झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में कहा कि आरटीआई से हर ब्लॉक में सिर्फ़ बिचौलिये पैदा हुए हैं. चर्चा के दौरान एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि मनरेगा योजना को और सशक्त करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर बेहतर तरीके से काम करने की ज़रूरत है. बेरोज़गारी की वजह से इस योजना की स्पष्ट ज़रूरत है.
संसद ने बीते मंगलवार को केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) विधेयक को मंज़ूरी दे दी. इसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक के कार्यकाल को वर्तमान दो वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष तक किए जाने का प्रस्ताव है. चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्य निलंबित 12 सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग करते हुए सदन से बहिर्गमन किया था.
भाजपा धर्म व आस्था के नाम पर बनी समाज की जिन दरारों को अपने पक्ष में इस्तेमाल करने में कामयाब हुई है, उसके ख़िलाफ़ मजबूत चुनौती पेश करना, एक लंबे संघर्ष की मांग करता है. क्या विपक्ष के सभी बड़े-छोटे दल उस ख़तरे के बारे में पूरी तरह सचेत हैं? क्या वे समझते हैं कि यह महज़ चुनावी मामला नहीं है?
वीडियो: यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष विशेषकर, सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके शासनकाल में 'जाली टोपी वाले ग़ुंडे' व्यापारियों को डराने-धमकाने का काम करते थे, लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद वे ग़ुंडे दिखाई नहीं दे रहे. इससे पहले मौर्य ने मथुरा के मुद्दे पर भी एक ट्वीट किया था. वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
लोकसभा में पेश सीबीआई-ईडी के निदेशकों के कार्यकाल को अधिकतम पांच साल तक करने वाले विधेयकों को कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की घोर अवहेलना बताया, वहीं टीएमसी के सौगत राय ने कहा कि दोनों एजेंसी सरकार के दो हाथ हैं जिनका दुरुपयोग विपक्ष को परेशान करने के लिए किया जाएगा.
किसान आंदोलन इसका जीवित प्रमाण है कि यदि लक्ष्य की स्पष्टता हो तो विचार भिन्नता के बावजूद संयुक्त संघर्ष किया जा सकता है. संयुक्त किसान मोर्चा ने एक लंबे अरसे बाद संयुक्त संघर्ष की नीति को व्यावहारिकता में साबित करके दिखाया है.
तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का विभिन्न किसान नेताओं और राजनीतिक नेताओं ने स्वागत किया है. भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संसद में क़ानून को निरस्त होने के बाद ही वे आंदोलन वापस लेंगे. वहीं, कांग्रेस ने भाजपा पर हमला करते हुए पूछा कि क़ानूनों के चलते सैकड़ों लोगों की जान जाने की ज़िम्मेदारी कौन लेगा.
आईआरएस कैडर के 1984 बैच के अधिकारी संजय कुमार मिश्रा का ईडी के निदेशक के बतौर पहले से विस्तारित कार्यकाल गुरुवार को समाप्त होना था. 2020 में मिश्रा को मिले सेवा विस्तार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जहां अदालत ने केंद्र का निर्णय बरक़रार रखते हुए कहा था कि उन्हें आगे कोई विस्तार नहीं दिया जा सकता.
केंद्र सरकार ने रविवार को दो अध्यादेश जारी किए जिससे सीबीआई और ईडी के निदेशकों का कार्यकाल मौजूदा दो वर्ष की जगह अधिकतम पांच साल तक हो सकता है. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए संसद की अनदेखी कर रही, संविधान में तोड़-मरोड़ कर रही और ‘अध्यादेश राज’ का सहारा ले रही है.