राष्ट्रीय ओवरसीज़ छात्रवृत्ति: वंचित तबके के छात्रों को विदेश में क्यों नहीं पढ़ने देना चाहती सरकार

केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति और भूमिहीन कृषि श्रमिक परिवारों से आने वाले छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए दी जाने वाली राष्ट्रीय ओवरसीज़ छात्रवृत्ति योजना में बिना किसी से सलाह-मशविरे और उससे लाभांवित तबकों की राय जाने बिना किए गए विषय संबंधी बदलाव बहुसंख्यकवादी असुरक्षा का नतीजा हैं.

राष्ट्रीय ओवरसीज़ छात्रवृत्ति योजना से चुनिंदा विषयों को हटाना ब्राह्मणवादी सोच का नतीजा है

समाज कल्याण और अधिकारिता मंत्रालय की राष्ट्रीय ओवरसीज़ छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति/ जनजाति और भूमिहीन कृषि श्रमिक परिवारों से आने वाले छात्रों को उच्च-रैंकिंग वाले विदेशी विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है. इस साल बिना हितधारकों से चर्चा किए योजना से मानविकी व समाज विज्ञान विषयों को हटा दिया गया है.