झारखंड: किस स्थिति में है राज्य का कालाजार उन्मूलन अभियान

झारखंड में संथाल परगना प्रमंडल के चार ज़िलों- साहिबगंज, पाकुड़, दुमका व गोड्डा की मुख्यतः ग्रामीण आबादी में परजीवी से होने वाले कालाजार रोग के मामले पाए जाते हैं. उनमें भी आदिवासियों की बहुलता है. जानकारों का कहना है कि अशिक्षा, बुनियादी सुविधाओं का अभाव, कुपोषण, खनन क्षेत्र में प्रदूषण, अंधविश्वास जैसी वजहें इसके उन्मूलन अभियान के लिए प्रतिकूल स्थितियां बनाती हैं.

झारखंडः नौ महीने का वेतन न मिलने पर मज़दूरों की मदद करने वाले अधिकारी को कारण बताओ नोटिस

झारखंड के पाकुड़ वन प्रभाग की सीमा पर काम करने वाले 250 मज़दूरों को बीते नौ महीनों से मज़दूरी नहीं दी गई थी, जिसके बाद वन परिक्षेत्र के एक अधिकारी ने जनहित याचिका दायर कर हाईकोर्ट से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी. नोटिस में य​ह बताने के लिए कहा गया है कि उन्हें सेवानिवृत्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए?

झारखंडः नौ महीनों से नहीं मिली मज़दूरी, अदालत पहुंचे 250 मज़दूर

ये मज़दूर झारखंड के पाकुड़ वन प्रभाग की सीमा पर काम करते हैं. उनका कहना है कि उन्हें बीते नौ महीनों से मज़दूरी नहीं दी गई है जबकि वे इस मामले को कई बार प्रशासन के संज्ञान में ला चुके हैं. इस संबंध में झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका कर मज़दूरी दिलाने की मांग की गई है.

स्वामी अग्निवेश: आधुनिक आध्यात्मिकता का खोजी

स्वामी अग्निवेश गांधी की परंपरा के हिंदू थे, जो मुसलमान, सिख, ईसाई या आदिवासी को अपने रंग में ढालना नहीं चाहता और उनके लिए अपना खून बहाने को तत्पर खड़ा मिलता है. वे मुसलमानों और ईसाइयों के सच्चे मित्र थे और इसीलिए खरे हिंदू थे.

छत्तीसगढ़ः पारले-जी बिस्किट की फैक्ट्री से 26 बाल मज़दूर छुड़ाए गए

छत्तीसगढ़ के रायपुर में पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग और सामाजिक संगठनों की संयुक्त कार्रवाई में पारले-जी कारखाने में छापा मारा गया. ये बच्चे छत्तीसगढ़ के अलावा पड़ोसी राज्यों झारखंड, उड़ीसा और मध्य प्रदेश के हैं.

झारखंड के पाकुड़ में स्वामी अग्निवेश से कथित भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने की मारपीट

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश से मारपीट मामले की जांच के आदेश दिए हैं.