संसद में बोले शरद यादव, यह भाषण कोई नहीं छापेगा

राज्यसभा सांसद शरद यादव ने यह भाषण 22 मार्च 2017 को राज्यसभा में दिया. सदन में चर्चा के दौरान अपनी बात रखते हुए शरद यादव ने देश में पत्रकारिता की ​दशा और दिशा पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. पढ़ें पूरा भाषण...

नाज़ और लाज का इतना सरलीकरण भी न कीजिए, राजनाथजी!

भोपाल में पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी के लिए काम करने वाले 11 भाजपा कार्यकर्ता पकड़े गए हैं. उन आरोपियों के माता-पिताओं ने उनसे अपना नाता तोड़ लिया है? अगर नहीं, तो वे माता-पिता, भारतीय होने के नाते, क्या अब नाज़ करने के क़ाबिल नहीं रहे, क्योंकि उनकी संतानें 'ग़द्दार' निकलीं?

सरकार को मोहम्मद सरताज जैसे लोगों पर नाज़ है: राजनाथ सिंह

गृह मंत्री ने लोकसभा में बजट सत्र के दौरान कहा, ‘मैं सैफ़ुल्लाह के पिता के प्रति सरकार की तरफ से सहानुभूति व्यक्त करता हूं... बेटे की देशद्रोही हरकतों के कारण उन्हें उसे खोना पड़ा.’

बोलते वक़्त मोदी क्यों भूल जाते हैं कि वो देश के पीएम हैं!

वे मुझे मार डालेंगे, मुझे थप्पड़ मार देना’, 'मुझे लात मार कर सत्ता से हटा देना’, 'मुझे फांसी पर चढ़ा देना’, 'मुझे उलटा लटका देना’, 'मुझे चौराहे पर जूते मारना’.... ये सब मोदी क्यों बोलते हैं?

किसी भी प्रधानमंत्री ने मोदी जैसी स्तरहीन भाषा का प्रयोग नहीं किया

सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी भाषिक संयम के लिए नहीं जाने जाते हैं. मोदी की पकड़ भाषा और उसके नाटकीय इस्तेमाल पर कहीं ज़्यादा गहरी है.

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