राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा मानवाधिकार परिषद की एक डिजिटल वैश्विक बैठक में कहा कि जीवन का अधिकार प्रबल होना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दुनिया भर में कोविड से संबंधित जीवन रक्षक दवाओं और टीकों की कमी दूर हो. इसके अलावा निर्धन लोगों को दवाएं और टीके किफ़ायती मूल्य पर उपलब्ध हो सकें.