नीति आयोग के सदस्य विनोद के. पॉल ने एक कार्यक्रम में कहा कि हमारे पास डॉक्टरों की कमी है. भारत में प्रति 1000 जनसंख्या पर एक डॉक्टर है, अगर हम आयुष चिकित्सकों को जोड़ दें तो 1.3 डॉक्टर हैं. उन्होंने कहा कि लोगों की पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल के लिए देश में एमबीबीएस और विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या बढ़ाना सबसे ज़रूरी है.
गिरफ़्तार आरोपी की पहचान उत्तर प्रदेश यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, सैफई के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. समीर सराफ के रूप में हुई है. उनके ख़िलाफ़ काफी समय से शिकायतें मिल रही थीं. दिसंबर 2021 में संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक ने आरोपी डॉक्टर के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने फरवरी 2022 में केस दर्ज किया गया था.
ओडिशा के कटक स्थित एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने घोषणा की है कि वह अपने सभी आईसीयू के अंदर ‘आध्यात्मिक भजन’ बजाएगा. अस्पताल के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, गंभीर मरीज़ों के लिए धीमी आवाज़ वाला इंस्ट्रूमेंटल भजन काफी कारगर रहेगा.
एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मंगलवार सुबह आठ बजे तक 24 घंटे के भीतर कम से कम 18 मौत दर्ज की गईं. इससे पहले नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में 30 सितंबर से दो अक्टूबर तक 48 घंटे में 31 मौतें दर्ज की गई थीं.
महाराष्ट्र के नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में चौबीस घंटों में 24 लोगों की मौत को लेकर विपक्षी नेताओं ने एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह घटना सरकारी प्रणालियों की विफलता को उजागर करती है. इन नेताओं ने भविष्य में मरीज़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख़्त कार्रवाई करने की मांग की है.
महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 30 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच 24 घंटों में 12 नवजात शिशुओं सहित 24 लोगों की मौत हुई है. पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अशोक चव्हाण के पिता के नाम पर यह अस्पताल है. उन्होंने अस्पताल का दौरा करने के बाद कहा स्थिति चिंताजनक है. अस्पताल वित्तीय संकट में है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने बिहार के एक निवासी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि एम्स या दिल्ली के किसी अन्य अस्पताल में आप नागरिकों को बाहर से आने और इलाज कराने से नहीं रोक सकते हैं. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि अस्पताल द्वारा मरीज़ के निवास स्थान के आधार पर भेदभाव किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों से मरीजों को भिक्षुक गृह भेजे जाने के मामले पर गंभीरता से संज्ञान लिया और तुरंत इसे रोकने का निर्देश दिया.
भर्ती के मामलों में अस्पतालों द्वारा मरीज़ों से की जा रही मनमानी और अन्यायपूर्ण व्यवहार के मद्देनज़र सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. अदालत को बताया गया था कि कोविड-19 संक्रमित मरीज़ों से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ अस्पताल स्थानीय पते का प्रमाण मांग रहे हैं.
वीडियो: कोरोना वायरस के समय में राजधानी दिल्ली के एम्स में अपना इलाज करे रहे दूसरी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीज़ों का हाल.