कोर्ट ने 33 हफ्ते की गर्भवती को गर्भपात की इजाज़त दी, कहा- जन्म देना महिला की पसंद पर निर्भर हो

एक 26 वर्षीय महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट से भ्रूण में मस्तिष्क संबंधी असामान्यताएं होने के कारण गर्भपात की अनुमति मांगी थी. अदालत ने उनके पक्ष में निर्णय देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में अंतिम फैसला जन्म देने संबंधी महिला की पसंद और अजन्मे बच्चे के गरिमापूर्ण जीवन की संभावना को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए. 

महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर उम्र की पाबंदी के ख़िलाफ़ याचिका पर कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता मीरा कौर पटेल की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया था कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम की धारा 4 (3) (i) में 35 वर्ष की आयु का प्रतिबंध महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर पाबंदी है.

लिंग चयन निषेध अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में दोषसिद्धि में देरी पर संसदीय समिति ने चिंता जताई

एक संसदीय समिति ने कहा है कि गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक लिंग चयन निषेध अधिनियम (पीसीएंडपीएनडीटी) के तहत पिछले 25 वर्षों से दर्ज 3,158 न्यायिक मामलों में से केवल 617 मामलों में दोषसिद्धि हुई. समिति ने सिफ़ारिश की कि मामलों की सुनवाई में तेज़ी लाई जाए और निर्णय लेने में छह महीने से अधिक समय नहीं लगना चाहिए.

‘बेटों के लिए आम’ वाली टिप्पणी को लेकर संभाजी लिंग चयन निषेध क़ानून के उल्लघंन के दोषी

नासिक नगर निगम की एक सलाहकार समिति ने संभाजी भिड़े के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराने का फैसला किया है. भिड़े ने दावा किया था कि उनके बगीचे से आम खाकर कई दंपतियों को बेटा हुआ.