सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया है कि पांच मार्च 2020 और 10 सितंबर 2020 के आदेश के अनुपालन में उच्च न्यायालयों को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक सांसदों/विधायकों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार निरोधक क़ानून के तहत 175 मामले और धनशोधन निषेध क़ानून के तहत 14 मामले लंबित हैं.
क़ानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने सदन में एक सवाल के जवाब में बताया कि देश के जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायिक अधिकारियों के पांच हजार से अधिक पद रिक्त हैं.
वर्ष 2016 तक देश की 24 उच्च अदालतों में 40.15 लाख मामले लंबित थे. इनमें से दस वर्ष या अधिक समय से लंबित मामलों की संख्या 19.45 फीसदी है.