विभिन्न विषयों के लिए उर्दू को शिक्षा के माध्यम के तौर पर अपनाने के लिए ख्यात हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी ने बीते दिनों पीएचडी प्रवेश परीक्षा आयोजित की थी, जिसमें उर्दू को छोड़ दिया गया. जहां इसके लिए एक ओर विभाग में स्थायी शिक्षक न होने की बात कही जा रही है, वहीं ख़बरों में राज्य सरकार की उदासीनता को ज़िम्मेदार बताया जा रहा है.