हिमंता बिस्वा सरकार की अपराध को लेकर 'नरमी न बरतने' की नीति अपनाने के बाद मई से अब तक कम से कम 46 कथित अपराधी घायल हुए हैं. पुलिस आंकड़ों के मुताबिक़, मारे गए 28 आरोपियों में चार ड्रग तस्कर, सरकार के बेदख़ली अभियान के ख़िलाफ़ उतरे दो प्रदर्शनकारी, 11 'चरमपंथी' व 11 'अपराधी' शामिल हैं.
बीते 29 जून को उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ ज़िले के रौनापार के पलिया गांव के एक व्यक्ति से कुछ लोगों का विवाद हो गया था. मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों पर भी कथित रूप से हमला कर दिया गया. आरोप है कि इसके बाद बदले की कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इस दलित बाहुल्य गांव में प्रधान समेत कई घरों में जमकर तोड़फोड़ की और उन्हें गिरा दिया गया. पुलिस ने ग्रामीणों के इस आरोप से इनकार करते हुए अज्ञात लोगों
युवा साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक नीलोत्पल मृणाल की कथित तौर पर पुलिस ने की पिटाई. अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने पढ़ने-लिखने का बेहतर माहौल बनाने की अपील की. छात्रों का आरोप है कि इतना किराया देने के बावजूद न तो उन्हें सुविधाएं दी जाती हैं और न ही ठीक व्यवहार किया जाता है.
राजधानी में पिछले साल दर्ज अपहरण के 6,707 मामलों में से 75 फीसदी से ज्यादा महिलाओं से जुड़े थे, हर रोज औसतन दो बच्चों का यौन उत्पीड़न हुआ.