18 जुलाई 2020 को जम्मू के राजौरी के तीन मज़दूर इम्तियाज़ अहमद, मोहम्मद अबरार और अबरार अहमद को अमशीपुरा में सेना के कुछ जवानों ने आतंकी बताते हुए फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मार गिराया गया था. सेना ने 62 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन भूपेंद्र सिंह के ख़िलाफ़ कोर्ट मार्शल की कार्यवाही शुरू की है. उन्होंने अमशीपुरा में फ़र्ज़ी मुठभेड़ की थी और कहा था कि इस दौरान तीन आतंकियों को मार गिराया गया है.
महमूद प्राचा दिल्ली दंगों से जुड़े कई मामलों में वकील हैं. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने मंगलवार से पहले दिसंबर 2020 में भी प्राचा के दफ़्तर पर छापेमारी की थी. इस दौरान सर्च टीम ने उनके कंप्यूटर और विभिन्न दस्तावेज़ों को जब्त करने पर जोर दिया, जिनमें केस की विस्तृत जानकारी थी.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने दिल्ली दंगों के आरोपियों की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद प्राचा के ऑफिस पर छापेमारी की थी. सर्च टीम ने प्राचा के कंप्यूटर और विभिन्न दस्तावेज़ों को ज़ब्त किए थे, जिनमें केस की विस्तृत जानकारी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगे के दौरान 23 साल के फ़ैज़ान की मौत के मामले में अदालत की निगरानी में जांच की मांग से संबंधित याचिका पर दिल्ली सरकार और क्राइम ब्रांच को नोटिस जारी किया है. दंगों के दौरान एक वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी ज़मीन पर फ़ैज़ान समेत कुछ घायल युवकों से राष्ट्रगान गाने को कहते दिख रहे थे. फ़ैज़ान की अस्पताल में मौत हो गई थी.
वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद प्राचा दिल्ली दंगों के आरोपियों की अदालत में पैरवी कर रहे हैं. प्राचा के सहयोगी वकीलों का आरोप है कि पुलिस की यह छापेमारी सभी रिकॉर्ड और दस्तावेज़ नष्ट करने का प्रयास था.
मद्रास हाईकोर्ट की पीठ सीएए और एनआरसी को लेकर प्रदर्शन कर दो व्यक्तियों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने इसे लेकर अपने ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर को ख़ारिज करने की मांग की थी.
ठाकुरगंज के रहने वाले 16 साल के हुसैन को सीएए विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप में 25 दिसंबर 2019 को उनके दोस्त के घर से गिरफ़्तार किया गया था. हुसैन का कहना है कि उन्होंने सीएए विरोधी किसी भी प्रदर्शन में कभी हिस्सा नहीं लिया था.
दिल्ली दंगा मामले में एक आरोपी ख़ालिद सैफ़ी को ज़मानत देते हुए एडिशनल सेशन जज ने कहा कि उनके ख़िलाफ़ महत्वहीन सामग्री के आधार पर तैयार की गई चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कोई दिमाग नहीं लगाया बल्कि बदले की भावना से काम किया.
केंद्र एवं राज्य सरकारों में काम कर चुके पूर्व लोक सेवकों के एक समूह ‘कॉन्स्ट्यूटिशनल कंडक्ट ग्रुप’ द्वारा गठित इस समिति के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन लोकुर हैं. यह दिल्ली दंगों के संबंध में सरकार, पुलिस और मीडिया की भी भूमिका की जांच करेगी.
दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने पांच अक्टूबर को ऐसे सात वीडियो क्लिप दिल्ली पुलिस को सौंपे हैं, जिसमें से कुछ में दिल्ली में हुए दंगों के दौरान दो पुलिसकर्मी कथित दंगाइयों के साथ मिलकर ईंट और अंडे फेंक रहे हैं.
दिल्ली पुलिस ने अदालत में दाख़िल आरोप-पत्र में कहा गया है कि सभी आरोपी मुस्लिमों से ‘बदला’ लेने के लिए 25 फरवरी को बनाए गए एक वॉट्सऐप ग्रुप ‘कट्टर हिंदुत्व एकता’ से जुड़े थे. आरोपियों ने इसका इस्तेमाल आपस में संपर्क में रहने और एक दूसरे को लोग, हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराने के लिए किया था.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक़ जाफराबाद हिंसा के एक आरोपी शाहरुख ने अपने बयान में पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कलीता और नताशा नरवाल का नाम लिया था. शाहरुख ने कहा कि हिंसा में आंखों की रोशनी लगभग खो देने के कारण उसे नहीं पता कि पुलिस ने उससे जिस बयान पर दस्तख़त कराए, उसमें क्या लिखा था.
दिल्ली पुलिस ने हिंसा के दौरान वेटर दिलबर नेगी की हत्या के मामले में दर्ज चार्जशीट में अल-हिंद अस्पताल के मालिक डॉ. एमए अनवर को आरोपी बनाया है. इस अस्पताल में दंगा पीड़ितों का इलाज भी किया गया था. डॉ. अनवर और अरशद प्रधान को फ़ारूक़िया मस्जिद में सीएए और एनआरसी के विरोध में हुए विरोध प्रदर्शन का आयोजक बताया गया है.