नागरिक समाज संगठनों द्वारा मार्च 2017 और मार्च 2018 के बीच में उत्तर प्रदेश में पुलिस एनकाउंटर की 17 घटनाओं का अध्ययन किया गया है, जिसमें 18 लोगों की मौत हुई थी. इसमें से किसी में भी किसी पुलिसकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इन मामलों की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी की थी. इनमें से 12 मामलों में आयोग ने पुलिस को क्लीनचिट दे दी है.
मामला अक्टूबर 2018 का है. पुलिस का कहना है कि सूचना मिली थी कि एक पार्क में महिला और पुरूष ग़लत काम कर रहे थे, जब पुलिस मौके पर पहुंची तो पुलिस को देखकर व्यक्ति फरार हो गया था जबकि वहां मौजूद महिला से पुलिसकर्मियों ने पूछताछ के दौरान अभद्र व्यवहार एवं मारपीट की.