कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा और आरएसएस की भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली में कथित हस्तक्षेप के लिए आलोचना की और दावा किया कि यूजीसी के बजट में 61% की भारी कटौती की गई है. साथ ही यूजीसी के नए मसौदा नियमों के बारे में चिंता व्यक्त की.
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने विपक्षी दलों के 'इंडिया' ब्लॉक के भविष्य को लेकर भी चिंता जताते हुए कहा कि गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते ब्लॉक को एकजुट रखना कांग्रेस का ज़िम्मा है. उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी आगामी स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी.
इक्कीसवीं सदी अल्पवयस्क अवस्था में ही शर्म से झेंपी सदी बन रही है. अब क्या करे कोई कवि? बेशर्म होकर झंडा फहराए संविधान की धज्जियां उड़ाने वालों का? या कसीदे लिखे बच्चों के हत्यारों के लिए? या युद्ध के सौदागरों के लिए विज्ञापन लिखे? 'रचनाकार का समय' में पढ़िए अनुज लुगुन को.
मार्च 1978 में होलिका दहन स्थल को लेकर दो समुदायों के बीच तनाव था. अफवाह फैली कि एक दुकानदार ने दूसरे समुदाय के व्यक्ति की हत्या कर दी, जिससे दंगे भड़क गए. अब उत्तर प्रदेश सरकार ने नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं और पुलिस को सात दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मधु लिमये ने अपने 50 वर्ष भी अधिक लंबे सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में अपने राजनीतिक सिद्धांतों को मज़बूती से पकड़े रखा और उनसे कभी कोई समझौता नहीं किया. वे द्विराष्ट्रवाद सिद्धांत के ख़िलाफ़ थे और हमेशा सांप्रदायिक मुस्लिम राजनीति की मुख़ालिफ़त की.
महाराष्ट्र के भाजपा विधायक सुरेश धास ने दावा किया है कि बीड ज़िले में लंबे समय से अधिकांश सरकारी पदों पर 'केवल एक ही समुदाय' के अधिकारी काबिज़ हैं, जिससे अन्य समुदायों को लगता है कि उनकी अनदेखी की जा रही है. उन्होंने किसी समुदाय का नाम नहीं लिया.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: लिखना पर्याप्त होने, सफल और सार्थक होने के भ्रम को ध्वस्त करता है और मनुष्य होने की अनिवार्य ट्रैजडी के रू-ब-रू खड़ा करता है. हम आधे-अधूरे हैं यह साहित्य के ट्रैजिक उजाले में हम कुछ साफ़ देख पाते हैं.
हिंदी समाज हर शहर में एक नौजवान भी नहीं तैयार कर पा रहा है जो अपने शहर के रंगमंच से राब्ता रखकर उसका विश्लेषण या परिचय हिंदी के पाठक को उपलब्ध कराता रहे. शिक्षण संस्थान क्या कर रहे हैं? रंग समूह शैक्षणिक परिसर से जुड़ने के लिए क्या कोशिश कर रहे हैं? क्या हिंदी साहित्यकारों का अपने शहर के रंगमंच से कोई वास्ता है?
केंद्र सरकार ने चुनाव संचालन नियमों में संशोधन करते हुए कहा कि चुनाव से संबंधित सभी दस्तावेज जनता के लिए उपलब्ध नहीं होंगे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की ईमानदारी को जानबूझकर कम किया जा रहा है, जो संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है.
किसी के पास भी इतना समय नहीं है कि वह पत्तों को पूरी तरह से झरते देख सके. जो झरते हुए को नहीं देख सकता, वह उगते हुए को भी नहीं देख सकता. 'रचनाकार का समय' स्तंभ की चौथी क़िस्त.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस सप्ताह की शुरुआत में राज्यसभा में अपनी टिप्पणी से संविधान निर्माता बीआर आंबेडकर की गरिमा को ठेस पहुंचाई है. उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर आंबेडकर के नाम पर वोट बैंक राजनीति करने का आरोप लगाया.
संसद में संविधान पर बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखे हमले किए, आपातकाल, अनुच्छेद 370 और वंशवाद को लेकर सवाल उठाए. वहीं, राहुल गांधी ने सावरकर के विचारों और मनुस्मृति का जिक्र करते हुए भाजपा पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया.
वीडियो: क्या यूट्यूब ने पत्रकारिता का स्वरूप बदला है, यूट्यूबर्स के आने से पत्रकारों की चुनौतियां बढ़ी हैं. इस विषय में मीडिया विश्लेषक और लेखक विनीत कुमार के साथ चर्चा कर रहे हैं द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज.
लोकसभा में अपने पहले भाषण में प्रियंका गांधी वाड्रा ने संविधान, आरक्षण और जाति जनगणना के मुद्दों पर सरकार को घेरा. प्रियंका ने 1975 के आपातकाल का ज़िक्र करते हुए सबक लेने की बात कही और संविधान की रक्षा का आह्वान किया.
बहुत कम लोगों को मालूम है कि आंबेडकर की अर्थशास्त्र पर भी गहरी पकड़ थी. लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स से उनकी थीसिस भारतीय आर्थिक इतिहास और मुद्रा नीति को समझने में मदद करती है. इस पुस्तक ने स्वतंत्र भारत की वित्तीय नींव तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.