जम्मू कश्मीर में सुरक्षा कारणों से अतिरिक्त सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाए जाने के बाद जारी अनिश्चितता की स्थिति बरकरार है. वहीं, कांग्रेस नेता उस्मान माजिद और माकपा नेता एमवाई तारिगामी ने दावा किया कि उन्हें रविवार रात को गिरफ्तार कर लिया.
राज्य सरकार ने मामले में तीन पुलिसकर्मियों को मिली कम सजा और एक आरोपी की रिहाई को भी चुनौती दी है.
जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती और अमरनाथ यात्रा पर रोक और कई अन्य सरकारी आदेशों से राज्य में अफरातफरी और अनिश्चितता का माहौल है. प्रदेश में धारा 370 और अनुच्छेद 35 ए के भविष्य को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.
तमिलनाडु की तूतीकोरिन पुलिस ने बताया था कि मालदीव के नेता अहमद अदीब अब्दुल गफूर को भारत में प्रवेश की इसलिए इजाजत नहीं दी गई, क्योंकि उनके पास वैध दस्तावेज़ भी नहीं था.
जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा पर रोक और पर्यटकों को राज्य छोड़ने के आदेश के संबंध में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राजनीतिक फायदे के लिए राज्य को 1989-90 के हालात में ले जाने की कोशिश कर रही है, जब हज़ारों कश्मीरी पंडित भाई-बहनों को बाहर जाना पड़ा था.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने पार्टी नेताओं के साथ राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की. मुलाकात के बाद उमर ने कहा कि राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि संविधान की धारा 370 और अनुच्छेद 35 ए को रद्द किए जाने की कोई तैयारी नहीं की जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में दायर इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) कानून मुस्लिम पतियों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.
वीडियो: भारत के राजनीतिक परिदृश्य में एक किताब के माध्यम से महात्मा गांधी और विनायक दामोदर सावरकर पर चर्चा कर रहे हैं प्रो. अपूर्वानंद.
राजस्थान के उदयपुरवाटी से बसपा विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने आरोप कहा है कि पार्टी में पैसे लेकर टिकट दिया जाता है. कोई ज़्यादा पैसा दे देता है तो पहले का टिकट कट के दूसरे को मिल जाता है. तीसरा कोई ज्यादा पैसा दे दे, तो उन दोनों का टिकट कट जाता है.
तीन तलाक़ का यह क़ानून 21 फरवरी को इस संबंध में लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा. विधेयक में पत्नी को तीन तलाक़ के ज़रिये छोड़ने वाले मुस्लिम पुरुषों के लिए तीन साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि जिस तरीके से विधेयक पारित हो रहे हैं, वह संसद का मज़ाक बनाना है और सरकार द्वारा विपक्ष की आवाज़ दबाना है.
संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक़ देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंगलवार को मंज़ूरी दे दी. विधेयक में तीन तलाक़ का अपराध सिद्ध होने पर संबंधित पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
मीडिया बोल की इस कड़ी में सरकार द्वारा आरटीआई और यूएपीए बिल में किए गए बदलावों को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मोहन, द वायर के पत्रकार धीरज मिश्रा और सुप्रीम कोर्ट की वक़ील अवनि बंसल से चर्चा कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश.
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, अगर कोई मुस्लिम पति अपनी पत्नी को मौखिक, लिखित या इलेक्ट्रॉनिक रूप से या किसी अन्य विधि से तीन तलाक़ देता है तो यह अवैध होगा. तीन तलाक़ का अपराध सिद्ध होने पर पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है.
जम्मू कश्मीर प्रशासन की तरफ से रविवार रात जारी एक अन्य आदेश में पुलिस अधिकारियों से टैक्सियों की यात्री क्षमता और पेट्रोल पंपों की ईंधन क्षमता की सूचना जुटाने को भी कहा गया है.