जन गण मन की बात, एपिसोड 207: टीडीपी द्वारा विशेष राज्य के दर्जे की मांग 

जन गण मन की बात 207वीं कड़ी में विनोद दुआ टीडीपी द्वारा आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर जारी राजनीतिक गतिरोध पर चर्चा कर रहे हैं.

जन गण मन की बात, एपिसोड 205: बैंक डिफॉल्टर और भाजपा की जीत

जन गण मन की बात 205वीं कड़ी में विनोद दुआ जान-बूझकर कर्ज न चुकाने वाले बैंक डिफॉल्टरों और पूर्वोत्तर के विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत पर चर्चा कर रहे हैं.

त्रिपुरा: कैबिनेट में उचित स्थान नहीं मिला तो भाजपा सरकार को बाहर से समर्थन देंगे- आईपीएफटी

राज्य में भाजपा के सहयोगी आईपीएफटी के प्रमुख एनसी देबबर्मा ने आशंका जताते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि बड़ा घटक दल होने के कारण भाजपा महत्वपूर्ण विभाग हमारे विधायकों को नहीं देगी.

मेघालय में एनपीपी प्रमुख कोनराड संगमा ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ

नेशनल पीपल्स पार्टी के प्रमुख कोनराड संगमा को 34 विधायकों का समर्थन है. 21 सीटें जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी कांग्रेस.

त्रिपुरा में भाजपा की ​जीत के बाद जगह-जगह हिंसा, बुलडोज़र से ढहाई लेनिन की मूर्ति

दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया शहर में लगी थी लेनिन की मूर्ति. भाजपा कार्यकर्ताओं पर प्रतिमा ढहाने का आरोप. इस दौरान भारत माता की जय के नारे भी लगाए गए.

त्रिपुरा: भाजपा की सहयोगी आईपीएफटी ने उठाई आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग

आईपीएफटी प्रमुख ने कहा बिना आदिवासियों के समर्थन के भाजपा को बहुमत मिलना मुमकिन नहीं था, इसलिए सदन का नेता आदिवासी होना चाहिए.

गृहमंत्री ने कहा- असम में हिंसा का दौर बीता, जबकि राज्य और छह महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित

असम के जमुगुरीहाट में एक कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्य में हिंसा का कोई स्थान नहीं है. यहां क़ानून-व्यवस्था की स्थिति सुधरी है.

सरकारें किसानों के वोट से बनती हैं, लेकिन काम उद्योगों के लिए करती हैं

सरकार ने महंगाई दर कम करने और आंकड़ों की कलाबाज़ी करने के लिए जो नीति बनाई उसमें वह सफल रही है क्योंकि किसान की फसल के दाम कम हो गए और बाकि सभी चीज़ें महंगी हो गईं.

जन गण मन की बात, एपिसोड 203: कार्ति चिदंबरम की गिरफ़्तारी और किसानों द्वारा अमित शाह का घेराव

जन गण मन की बात 203वीं कड़ी में विनोद दुआ कार्ति चिदंबरम की गिरफ़्तारी और कर्नाटक में किसानों द्वारा अमित शाह के घेराव पर चर्चा कर रहे हैं.

गुजरात दंगों के 16 साल: उम्मीदों के निशां बाकी हैं

2002 के गुजरात दंगों में अपनी ज़िंदगी बिखरते देख चुके प्रोफेसर जेएस बंदूकवाला मानते हैं कि भले ही देश भगवाकरण की ओर बढ़ रहा है, लेकिन इसके बावजूद अच्छे भविष्य की उम्मीद फीकी नहीं हुई है.

कांग्रेस में आसान नहीं है नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी की राह

बसपा से निष्कासित नेता नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी के शामिल होने को लेकर कांग्रेस में विरोध के स्वर. उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने विरोध को लेकर अपने दो नेताओं से मांगा स्पष्टीकरण.

उत्तर प्रदेश: नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी और कांग्रेस के साथ आने से क्या दोनों के दुर्दिन दूर होंगे?

दोनों के एक साथ आने का पहला सियासी इम्तिहान 11 मार्च को उत्तर प्रदेश में होने वाले गोरखपुर अौर फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनावों में होगा.

क़र्ज़ माफ़ी की घोषणा के बाद भी राजस्थान के किसान ग़ुस्से में क्यों हैं?

स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशें लागू करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर किसानों ने अपना आंदोलन वापस तो ले लिया है, लेकिन यह कभी भी राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार के गले की फांस बन सकता है.

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