मद्रास हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में चेन्नई के 28 वर्षीय व्यक्ति को दोषमुक्त करते हुए कहा था कि निजी तौर पर बाल पॉर्नोग्राफी देखना पॉक्सो एक्ट के दायरे में नहीं आता है. सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को रद्द करते हुए गंभीर ग़लती बताया है.
मामला भदोही का है. पुलिस ने बताया कि आरोपी को एक नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में गिरफ़्तार किया गया था. हालांकि, ज़मानत पर रिहा होने के बाद आरोपी ने लड़की का फिर से अपहरण किया और एक महीने तक उसका यौन उत्पीड़न करता रहा.
मध्य प्रदेश के छतरपुर शहर का मामला. 13 वर्षीय दलित लड़की की मां ने आरोप लगाया कि 30 अगस्त को बलात्कार की शिकायत दर्ज कराने थाने गए थे तो दो पुलिसकर्मियों ने बेटी पर बयान बदलने का दबाव बनाया और उसे पीटने के साथ पूरी रात थाने में रखा गया था.
मामला लखीमपुर खीरी ज़िले का है. पीड़िता के पिता का आरोप है कि उनकी बेटी की आंखें निकाल दी गईं और ज़बान भी काट दी गई, पर पुलिस ने इससे इनकार किया है. मामले में दो लोगों को गिरफ़्तारी हुई है.
पिछले साल दिसंबर में झारखंड के हज़ारीबाग ज़िले में 13 साल की एक बच्ची को कुछ लोगों ने जबरन एसिड पिला दिया था. वह दो महीने तक बोल नहीं पाई थी, इसलिए दो महीने बाद फरवरी में इस संबंध में केस दर्ज किया जा सका था और पुलिस अब तक आरोपी को पकड़ नहीं सकी है.
उत्तर प्रदेश में बांदा ज़िले के तिंदवारी थाना क्षेत्र में एक घटना 27 जून की रात की है, जबकि चित्रकूट ज़िले के भरतकूप क्षेत्र में हुई दूसरी घटना 20 जून की है, इस मामले में 27 जून को केस दर्ज कराया गया.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले के टप्पल कस्बे में ढाई साल की मासूम का अपहरण करके हत्या कर दी गई थी. पुलिस हत्या के आरोप में दो लोगों को पहले ही गिरफ़्तार कर चुकी है.
अदालत ने एक मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि पोक्सो क़ानून की जानकारी न होने से युवाओं का जीवन ख़राब हो रहा है. इससे लोगों को अवगत कराना ज़रूरी है.